केंद्र का आदेश पहुंचा नहीं , बढ़ी हुयी दर पर किसानों को थमाया जा रहा खाद
रायपुर । डी ए पी खाद के अचानक अप्रत्याशित रूप से बढाये गये कीमत को ले किसानों में व्याप्त हो रहे आक्रोश से चिंतित केन्द्र सरकार ने अनुदान बढ़ोतरी कर कीमत पूर्ववत् रखे जाने की घोषणा तो कर दी है पर आदेश अभी तक नहीं पहुंचने से सोसायटियों द्वारा किसानों को यह खाद बढ़ी हुयी दर 1850 रूपये प्रति बोरी पर थमाया जा रहा है जिसे ले किसानों व समिति कर्मियों के बीच तनातनी का माहौल उठ खड़ा हो रहा है।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेल से ज्ञापन प्रेषित कर ध्यानाकृष्ट कराते हुये अविलंब आदेश जारी करवाने का आग्रह किया है ताकि किसानों को राहत मिलने के साथ ही सोसायटियों पर भी अवांछित ब्याज को बोझ न बढ़े ।
ज्ञातव्य हो कि बीते दिनों खाद निर्माता कंपनियों ने डी ए पी खाद की कीमत में अचानक ही अप्रत्याशित वृद्धि कर दी थी जिसके चलते बीते बरस 1200 रुपये में मिलने वाले इस खाद के कट्टे के लिये किसानों को इस साल 1850 रूपये का भुगतान करना पड़ता ।
इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त हो चला था व विरोधी दल इसे ले केन्द्र सरकार को घेरने में लगे थे । किसानों के आक्रोश के मद्देनजर प्रधानमंत्री के अगुवाई में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद इस खाद पर सब्सिडी को तकरीबन 140 प्रतिशत बढ़ा 1200 रूपये करने का निर्णय लिया लिया गया ताकि किसानों को पूर्ववर्ती कीमत पर ही खाद मिल सके और इस वजह से पूर्व में दी जाने वाली अनुदान की राशि 500 रुपये से बढ़कर 1200 रूपये हो गयी ।
केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार व्यापक किसान हित में लिये गये इस फैसले से केंद्र पर करीबन 14775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा है । बहरहाल प्रदेश में प्रति वर्ष अप्रैल माह से खाद का अग्रिम उठाव योजना शुरू हो जाता है ताकि किसान पहले से खाद उठा ले और गोदामों में खाद भरा जा सके जिससे किसानों को खाद मिलने में कोई दिक्कत न आवे ।
इस वर्ष कोविड 19 के सक्रमण के चलते लाक डाउन की वजह से खाद का उठाव बीते कुछ दिनों से ही शुरू हो पाया है पर केन्द्र सरकार द्वारा खाद की कीमत पूर्ववत् रखे जाने संबंधी घोषणा के परिप्रेक्ष्य में अभी तक आदेश नहीं पहुंचने से सोसायटियों द्वारा बढ़ी हुयी दर पर ही किसानों को खाद मुहैय्या कराया जा रहा है ।
इसकी वजह से रोजाना सोसायटियों में किसानों व कर्मियों के बीच तनातनी का माहौल दिख रहा है । श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री को मेल से प्रेषित ज्ञापन में इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुये आगे यह भी जानकारी दी है कि इन समितियों द्वारा बैंक से कर्ज ले किसानों को खाद मुहैय्या कराया जाता है और आदेश न मिल पाने की वजह से इन समितियों को अनावश्यक रूप से अंतर की राशि का अवांछनीय ब्याज बैंक को अदा करना पड़ेगा ।
उन्होंने किसानों व समितियों के व्यापक हित में तत्काल आदेश जारी करवाने का आग्रह किया है ।