कल अस्पतालों में होंगे जागरुकता कार्यक्रम,कमिट टू क्वीट थीम पर की जाएगी तंबाकू छोडऩे की अपील
राजनांदगांव। किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इससे बचिए…इस संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग की जाएगी, जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला सलाहकार के साथ ही सभी सीएचओ, बीएमओ व आरएमओ शामिल होंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तंबाकू सेवन के खिलाफ चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी, ताकि जिले के दुरस्थ अंचल में भी लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करते हुए कार्यक्रम को सार्थक किया जा सके। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करने से घातक बीमारियों से ग्रस्त होने के बाद कई लोगों की मौत भी हो जाती है। वहीं नई पीढ़ी भी जागरूकता के अभाव में तंबाकू के सेवन की ओर बढ़ रही है। तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए लोगों को जागरुक करने के लिए ही हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू निषेध दिवस पर इस बार की थीम कमिट टू म्ीट है, जिसके माध्यम से लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर इससे बचाव की जानकारी दी जाएगी। जन-जागरुकता हेतु अस्पतालों में प्रेरक बैनर-पोस्टर लगाए जाएंगे। जिला सलाहकार विकास राठौर ने बताया, जिले में तंबाकू सेवन करने वाले लोगों पर नियंत्रण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है तथा समय-समय पर लापरवाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। कोटपा अधिनियम-2003 के अनुसार भी चौक-चौराहों व प्रमुख मार्गों पर अभियान चलाकर चालानी कार्रवाई की जाती है।
इस संबंध में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी तथा सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, वर्तमान दौर में युवाओं के नशे की गिरफ्त में आने की जानकारी भी मिलती रहती है, जो एक गंभीर विषय है और ऐसे में उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। तंबाकू सेवन पर नियंत्रण के लिए जिले में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर भी जिले के सभी विकासखंडों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए जन-जागरूकता का प्रयास किया जाएगा। प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोगों को तंबाकू का सेवन करने तथा धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। इन गतिविधियों की सार्थकता के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इसलिए जानलेवा है तंबाकू-
तंबाकूयुक्त गुटखा, खर्रा, बीड़ी या सिगरेट में निकोटिन नाम का रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जो इसके शौकीनों को धीरे-धीरे तंबाकू के सेवन का आदी बना देता है। वहीं इसका सेवन करने से शरीर के विभिन्न अंग जैसे-मुंह, गला, आहार नली, फेफड़ा, आमाशय, लीवर, किडनी व मस्तिष्क आदि के खराब होने का खतरा रहता है। साथ ही तंबाकू के सेवन से कैंसर, मानसिक रोग व नपुंसकता जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट-
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन करते हैं। यह देश की औसत 28.4 प्रतिशत से अधिक है। इसमें से 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तंबाकू का सेवन शुरू किया था। 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया। यानी औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था।