छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में 12.80 लाख तेंदूपत्ता बोरा का संग्रहण,संग्राहकों को मिलेगा 512 करोड़ रूपए पारिश्रमिक
रायपुर। कोविड महामारी और खराब तेंदूपत्ता सीजन के बावजूद प्रदेश में 12.80 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण किया जा चुका है। 12.09 लाख संग्राहकों ने यह तेंदूपत्ता संग्रहण किया है। इन्हें 512 करोड़ रूपये संग्रहण पारिश्रमिक का वितरण किया जाएगा।
इस वर्ष पूरे मई माह में पूरे प्रदेश में विशेषकर बस्तर संभाग में लगातार बारिश होती रही है। वर्तमान में भी यास चक्रवात के कारण प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों में वर्षा हो रही है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी बस्तर संभाग में 28 मई 2021 की स्थिति में 4,24,118 मानक बोरा का संग्रहण किया जा चुका है जो कि लक्ष्य का 84 प्रतिशत है।
कोरोना की स्थिति को देखते हुए पूरे बस्तर संभाग में संग्राहकों को तत्काल पारिश्रमिक की राशि मिल सके, इसके लिए नगद भुगतान की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है।
तेंदूपत्ता संग्रहण से बस्तर संभाग में 170 करोड़ रूपये संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। इसमें से 40 प्रतिशत राशि का भुगतान हो चुका है। यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 तेंदूपत्ता सीजन में अत्यधिक बारिश हुई, जिसके कारण भी तेंदूपत्ता संग्रहण प्रभावित हुआ।
विपरीत परिस्थितयों के बावजूद भी 389.20 करोड़ रूपये की पारिश्रमिक राशि का वितरण संग्राहकों को किया गया है। कोरोना काल में जहॉ अन्य समस्त गतिविधियॉ लगभग बंद थी। तेंदूपत्ता से 11.76 लाख संग्राहकों को रोजगार प्रदान किया गया।
लाखों लोगों को मिला रोजगार, लघु वनोपज उपार्जन में देश में प्रथम स्थान
तेंदूपत्ता के साथ-साथ लघु वनोपज के संग्रहण में भी राज्य सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। ऐसे समय में जब छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी से पिछले एक वर्ष से जूझ रहा है तथा गांव से लेकर शहरों तक गरीबों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं है, राज्य सरकार ने लघु वनोपज का रिकार्ड उपार्जन करते हुए न केवल देश में प्रथम स्थान पाया है, बल्कि लगभग 6 लाख परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराया है।