छत्तीसगढ़ में शहरों की मजदूरी को छोड़ अब किसान गांव की ओर वापस लौट रहे हैं – कृषि मंत्री
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने शनिवार को एक बयान में कहा है कि भूपेश सरकार के किसान हितैषी नीति के कारण गांव छोड़कर जो किसान मेहनत मजदूरी करने के लिए शहरों में चले गए थे, वे अब गांव लौटने लगे हैं। प्रदेश में प्रतिवर्ष धान का रकबा बढ़ रहा है। इसलिए हम किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दलहन-तिल्हन, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर जैसी फसलों की भी बढ़ावा देंगे।
चौबे ने यह बात अपने सरकारी निवास में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हमने कैलकुलेट किया है कि धान के कुछ रकबे को कम करके इन फसलों में लेकर जाना होगा। इसलिए हमने इन फसलों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिलने वाली राशि को धान की तुलना में अलग रखी है। इसी कारण हमें विश्वास है कि धान के रकबे में जो बढ़ने वाले रकबे हैं उनमें कमी होगी, अन्य रकबे में विस्तार होगा।
भाजपा सिर्फ झूठ कहती है
इस मामले में बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वे किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती है। इस पर चौबे ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस देश में भारतीय जनता पार्टी दो है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी कहती है कि किसानों को धान के समर्थन मूल्य की राशि से एक रूपये भी ज्यादा नहीं मिलना चाहिए।
जबकि छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी किसानों को बोनस देने की मांग और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की एक किश्त में ही देनी कि मांग करती है। हम अगर धान की खरीदी में थक जाते तो उनके कार्यकाल में तो 62 लाख मैट्रिक टन में हाफ जाती थी भारतीय जनता पार्टी, हम लोग उनसे तीस लाख मैट्रिक टन ज्यादा 92 लाख मैट्रिक टन धान पिछले खरीफ सत्र में ख़रीदे थे। इससे साबित होता है कि भाजपा सिर्फ झूठ कहती है।