पंचायती राज व्यवस्था के अनुरूप चुने हुए जनप्रतिनिधियों कों समस्या हेतु आवदेन देना होगा उचित : हुलास साहू
खरोरा। छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के द्वारा ग्राम बंगोली आवश्यक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, मजदूर, किसान, युवा, और पंचायती राज व्यवस्था की उचित क्रियान्वयन और गाँवों की समस्याओं लेकर चर्चा हुई। 26 जनवरी 1950 को लोकतंत्र अस्तित्व में आया और ये तय हुआ कि देश मे प्रजा ही राजा होगा। लेकिन जमीनी हकीकत देखने मे आता है कि आज नेता और अधिकारी अपने आपको राजा और प्रजा को नौकर तथा भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मान बैठे है।
छत्तीसगढ़ ग्राम संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने हुलास साहू ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की व्यवस्था दी गई है, इन्ही सदस्यों के द्वारा जनपद अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष चुना जाता है। जबकि इन जनप्रतिनिधि के पूरे पाँच साल ऐसे निकल जाते है जैसे आम जनता के प्रति उनकी कोई अधिकार ही नही है। अब हम सबको उनका कार्य क्षेत्र और अधिकार से अवगत करना होगा। हमारे पास इतने सारे जनप्रतिनिधि के रहते हुए। हम जनता अपनी शिकायत अपने द्वारा चुने जनप्रतिनिधियों को न करके अफसरों के चक्कर लगाते रहते है। जहां पर उम्मीद न के बराबर रहती है। हुलास साहू ने लोगो से अपील करते हुए कहा कि अब हमें पंचायती राज व्यवस्था के अनुरूप कार्य करना होगा। ऐसी व्यवस्था बना दी गई। जिससे व्यवस्था बदलने की उम्मीद करना अपने आप धोखा है। इस व्यवस्था में अब हम सबको बदलाव लाना होगा। इसलिए हमे अपने मताधिकार से चुने हुए जनप्रतिनिधियों को पहले आवेदन देना होगा। जब हमारी शिकायत पर कुछ भी कार्यवाही नही होने की स्थिति में अपने द्वारा चुने जनप्रतिनिधियों से जवाब लेना होगा कि आपने चुनाव के समय जो वादा किया था कि हमारे हर दुख-सुख में साथ देने की बात कही थी उनकी क्या हुआ। याचना नहीं अब रण होगा।
संघर्ष और भी भीषण होगा। इन जनप्रतिनिधियों से “पाँच साल का हिसाब दो-हमारे सवालों का जवाब दो” नारो के साथ आन्दोल करने की बात कही। समिति के अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि शिक्षा के अगले सत्र में 9वी से 12वी तक के विद्यार्थियों को एडमिशन फीस नही देना है क्योंकि पिछले वर्ष आधे बच्चों से फीस लिया गया, जबकि सरकार शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी फीस नही वापस किया गया। इस साल जब तक सरकार पूर्ण रुप से फैसला नही कर लेते तब तक कोई भी विद्यार्थी अपने आने स्कूलों में एफमिशन फीस जमा नही करें।
समिति के सलाहकार केशव साहू और संजय अनुरागी ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना हुए करीब 20 वर्ष बीत गए, लेकिन आज तक आम जनता और गाँवों की समस्या के निपटारे के लिए लोकपाल का गठन नही हुआ जो यह बिल्कुल निंदनीय है। आज जमीनी स्थिति के अनुरूप वर्तमान में लोकपाल अति आवश्यकता है।
समिति के सचिव धर्मेन्द्र बैरागी ने कहा कि जबकि तेहरवां वित्त आयोग सम्बंधित राज्य, पंचायत एवं नगरपालिका अधिनियम में संसोधन द्वारा स्थानीय निकायों के लिए अलग से लोकपाल के गठन का प्रावधान करता है लेकिन जब छत्तीसगढ़ में लोकपाल ही नही है तो आम जनता जाए तो जाए कहा। करीब एक वर्ष पूर्व गांव की समस्या को लेकर जनपद से लेकर जिला पंचायत, कलेक्टर से लेकर विधायक और मुख्यमंत्री के जनचौपाल तक गए थे लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई, जब तक छत्तीसगढ़ में लोकपाल का गठन हो नही जाते छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति का प्रयास जारी रहेगा,
समिति के उद्देश्य, संगठन विस्तार और समिति के कार्य पर समिति के सलाहकार नरोत्तम शर्मा ने कहा कि युवा वर्ग को समिति से जोड़ कर जनहित कार्य व पंचायती राज व्यवस्था जो मूल संविधान में अंकित है जो आज धरातल पर अलग ही है जिसे व्यवस्थित करने घर से निकल कर अपने हक अधिकार के लिए आगे आने की अपील की।
समिति के उपाध्यक्ष गोवर्धन पाल ने कहा कि गाँवों में ग्राम स्वराज सभा के माध्यम से हर गांव में एक ग्राम स्वराज सभा का आयोजन कर जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी व लाभ आसानी से मिले और ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो जिसके लिए प्रयास करने की सलाह दी।
समिति के सलाहकार और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि बिसहत कुर्रे ने कहा कि ग्राम सभा को मजबूत करने और उसके अधिकार को जन-जन के समक्ष जागरूकता अभियान के तहत पहुंचाने की बात रखी और उन्होंने कहा कि जब तक ग्राम सभा मजबूत नही होगी तब तक लोगो का विकास उनकी को उनका अधिकार तथा गाँवों का सम्पूर्ण विकास सम्भव ही नही है।
समिति का संगठन विस्तार करते हुए बलौदाबाजार जिला के पलारी ब्लाक के अध्यक्ष किशोर डहरिया जी को नियुक्त किया गया साथ ही मुसवाडीह पँचायत से उपस्थित साथियों ने समिति की उद्देश्य को समझते हुए सदस्यता ग्रहण की तथा ग्राम संगठन जल्द तैयार करने की बात कही। साथ ही पलारी ब्लाक अध्यक्ष किशोर डहरिया ने कहा कि अपने ग्राम में हुये फर्जी मस्टर रोल भरने की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने की शिकायत समिति के समक्ष प्रस्तुत किए। जिस पर समिति ने निर्णय लिया कि अब हमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शिकायत पत्र देंगे और जल्द कार्रवाई नहीं होता है तो छत्तीसगढ़ ग्राम संघर्ष समिति व ग्रामवासी मिलकर आंदोलन का रूख अख्तियार करने का निर्णय लिया गया। समिति के सदस्यों ने कहा कि अफ़सरशाही रवैये को देखते हुए निर्णय लिया कि हम अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ही आवेदन पहले देंगे और उनके ही माध्यम से शिकायत पर कार्रवाई करवाने का निर्णय लिया गया। बैठक में समिति के संगठन मंत्री प्रियंकर सेन, रवि सेन, पुष्कर नायक, राजू साहू, नेतराम धृतलहरे और अन्य साथी उपस्थित थे।