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शिक्षा विभाग ने शिक्षकों व छात्रों के ऑनलाईन अटेंडेंस का आदेश किया जारी, अब सभी जिलों में एप के जरिये अटेंडेंस हुआ अनिवार्य

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों व छात्रों के ऑनलाईन अटेंडेंस का आदेश किया जारी, अब सभी जिलों में एप के जरिये अटेंडेंस हुआ अनिवार्य

रायपुर। शिक्षकों व छात्रों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर है। राज्य सरकार ने सभी 33 जिलों में अब छात्रों व शिक्षकों के अटेंडेंस को ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी संयुक्त संचालकों और डीईओ को आदेश जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग ने बताया है कि “विद्या समीक्षा केन्द्र” मोबाइल एप्लिकेशन को मॉडल के तौर पर पहले सात जिलों में लागू किया गया था, अब उसे बाकी बचे 26 जिलों में भी लागू किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग नें शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने की दिशा में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जारी आदेश में शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने लिखा है कि राज्य के शेष 26 जिलों में भी “विद्या समीक्षा केन्द्र” मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज किये जाये।

यह आदेश राज्य के समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग तथा समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को संबोधित किया गया है। आदेश के अनुसार, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा “विद्या समीक्षा केन्द्र” नामक एक विशेष मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जो वर्तमान में प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस एप के माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी अपनी दैनिक उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे।

शासन द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में यह एप राज्य के कुछ जिलों में पहले से लागू किया जा चुका है, जहां शिक्षक नियमित रूप से अपनी उपस्थिति इस ऐप में दर्ज कर रहे हैं। इन जिलों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि अब इस व्यवस्था को राज्य के शेष 26 जिलों में भी लागू किया जाए।

आदेश के तहत यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित संभागीय और जिला स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करें कि सभी शासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं विद्यार्थी अपनी उपस्थिति “विद्या समीक्षा केन्द्र” ऐप के माध्यम से ही दर्ज करें। इस प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से लागू करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों और संभागीय संयुक्त संचालकों को सौंपी गई है।

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था केवल राज्य स्तर तक सीमित नहीं है। भारत सरकार के निर्देशानुसार, शिक्षकों और विद्यार्थियों की प्रत्येक दिवस की उपस्थिति की जानकारी शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत “राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केन्द्र” (National Vidya Samiksha Kendra) को भी प्रेषित की जाती है। वहां इस डेटा की नियमित समीक्षा की जाती है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता, उपस्थिति और विद्यालयी व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जा सके।

इस नई व्यवस्था से न केवल शिक्षकों की नियमित उपस्थिति पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि विद्यार्थियों की स्कूल में भागीदारी और उपस्थिति की स्थिति भी स्पष्ट रूप से सामने आएगी। इससे स्कूलों में अनुशासन, जवाबदेही और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

 

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