तबादले के बाद भी पंचायत सचिव ने किये 1.40 लाख का अवैध आरहण
महासमुंद। पिथौरा जनपद पंचायत के दूरस्थ ग्राम पंचायत बिजेमाल में स्थानांतरित सचिव के द्वारा प्रभार सौंपने के बाद भी पंद्रहवे वित्त योजना की राशि पंचायत खाते से नियम विरुद्ध निकाल लिया गया है । राजनीतिक संरक्षण के चलते मामला दबाने का प्रयास जारी है किंतु वर्तमान पदस्थ सचिव ने इस आशय की लिखित सूचना जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दे दी है। भ्रष्टाचार के मामले में कई बार शिकायत होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने से पिथौरा जनपद के ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितताओं के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं ताजा मामला ग्राम पंचायत बिजेमाल का है ।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद द्वारा ग्राम पंचायत पाटन दादर में पदस्थ सचिव सुख सागर जगत को स्थानांतरित करते हुए 30/01/2021 को ग्राम पंचायत बिजेमाल में पदस्थ किया गया आदेश के परिपालन में नव पदस्थ सचिव द्वारा 09/02/2021को ग्राम पंचायत बिजेमाल में अपनी उपस्थिति दी।
उपस्थिति के 10 दिन बाद भी पूर्व सचिव द्वारा प्रभार नहीं सौंपे जाने पर 19/02/2021 को मुख्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को प्रभार नहीं सौंपने के संबंध में पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया, तत्पश्चात पूर्व सचिव द्वारा 27/2/2021को कुछ दस्तावेजों के साथ प्रभार सौंपा गया परंतु अचानक 1 मार्च के पहले ही दिन स्थानांतरित सचिव नरेंद्र वैष्णव द्वारा अपने डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए पंद्रहवे वित्त योजना की राशि से कोई कार्यों के फाइल तैयार किए बिना 1,40,000/- रुपये निकाल लिया गया ।
राशि आहरण की जानकारी नव पदस्थ सचिव सुखसागर जगत को तब हुई जब उन्होंने बैंक जाकर पासबुक की एंट्री कराया तत्पश्चात इसकी जानकारी नियमानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को दे दिया गया ।
ज्ञात हो कि पूर्व सचिव नरेंद्र वैष्णव द्वारा ग्राम पंचायत बिजेमाल में विगत 9-10 वर्षों से पदस्थ रहे हैं परंतु आज पर्यंत ग्राम पंचायत विजय माल का संपूर्ण प्रभार नहीं सौंपा जाना कई संदेहों को जन्म देता है इसकी सूचना भी विधिवत रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद, उप संचालक महासमुंद एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को दे दिया गया है ।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर आपराधिक मामलों में कोई संज्ञान लेते हैं या जांच के नाम पर महज खाना पूर्ति कर पहले की तरह मामले को रफा दफा कर दिया जावेगा । इस मामले में मुख्यकार्यपालन अधिकारी प्रदीप प्रधान ने कहा कि उक्त शिकायत की जांच कराई जा रही है, जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।