भूपेश बघेल सरकार का घोषणा पत्र, छत्तीसगढ़ की जनता के साथ छलावा: डागेश्वर भारती
आरंग। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष यूथ विंग डॉगेश्वर भारती ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी कि भूपेश बघेल सरकार का घोषणा पत्र रहा छत्तीसगढ़ की जनता से छलावा। आज 18जून तक राज्य में कॉंग्रेस नित भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं और सरकार का दावा है कि इस अवधि में सरकार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और प्रदेश की जनता सरकार के कामकाज से खुश है, जो अपने मुंह मियां मिट्ठू से ज्यादा और कुछ भी नही है।
आज आम आदमी पार्टी ने प्रदेश स्तर पर सरकार के इन दावों की सच्चाई जानने का फैसला किया।गोधन न्याय योजना, शिक्षा व्यवस्था, धान खरीदी व भंडारण आदि भूपेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है जो सबसे पहले लागू की गई और जिसके माध्यम से ग्रामीण छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलने की बात कही गई थी।
आम आदमी पार्टी ने तय किया कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत बने गौठनों का रियलिटी चेक किया जाए।आज सारे प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ताओं/पदाधिकारियों ने गौठनों का औचक निरीक्षण किया और पाया कि गौठान बेहद बदहाल स्थिति में हैं।कहीं गोबर खरीदी बंद है कहीं गोबर का भुगतान ही नहीं हुआ है। जहाँ कुछ काम हो भी रहा है वहाँ स्व सहायता समूहों को जो कमाई हो रही है उससे उनको मजदूरी जितनी राशि भी नहीं मिल पा रही है। आरंग के आम आदमी पार्टी के द्वरिका नारंग जी ने बताया कि अधिकांश जगहों पर गौठनों, वर्मी कम्पोस्ट टांकों के लिए बने शेड टूटने फूटने लगे हैं और खाद खुले में पड़ा हुआ है,वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन के दौरान जो तकनीकी सावधानियां रखी जानी चाहिए उसका इंतजाम भी अधिकांश जगहों पर दिखाई नहीं दे रहा है। और 20-25 लाख रुपयों का निवेश वृक्षारोपण, गौठान और टाँकों पर किया जा चुका है।तो इतनी भारी भरकम राशि खर्च करने का औचित्य क्या है?
मुंगेली जिले से महेंद्र सिंह क्षत्री ने जानकारी दी कि जिले के हर ब्लॉक में महज 2-3 पंचायतों में इस योजना का मॉडल प्रारूप दिखावे के लिए बनाया गया है बाकी जगहों पर योजना का बहुत ही बुरा हाल है।
डॉगेश्वर भारती जी ने आगे कहा कि गोधन न्याय योजना की जमीनी पड़ताल पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के द्वारा अभी लगातार जारी रहेगी और इस योजना की जमीनी हकीकत जनता के समक्ष रखी जाएगी।
आम आदमी पार्टी ने प्रदेश स्तर पर शुरू की भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना,स्कूली शिक्षा व धान की रखरखाव की जमीनी पड़ताल अब लगातार जारी रहेगी।