प्रदेश में किताब छपाई में अनोखा घोटाला, ऑर्डर किसी को मिला किताब छाप रहा कोई और
रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में पहली से 10वीं तक के बच्चों की किताब छपाई में अनोखा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि पाठ्यपुस्तक निगम ने जिस कंपनी को किताब छपाई का ऑर्डर दिया था, किताबें वहां न छापकर किसी दूसरी प्रिंटिंग प्रेस में छपवाई जा रही हैं। यह निविदा के नियमों का उल्लंघन है।
ऐसे में किताबों की गुणवत्ता का दावा करने वाले निगम की कार्यप्रणाली एक बार फिर कटघरे में आ गई हैै। शिकायत मिलने पर भाजपा नेताओं ने मौके पर पहुंचकर इस गड़बड़ी को खुद ही पकड़ा है और अब मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर उरला थाने में शिकायत की है।
नैतिक मूल्य एवं योग शिक्षा की किताबें छाप रहा था प्रिंटर
रायपुर के भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने मौके पर पहुंचकर मामले का पर्दाफाश किया और खुद उरला थाने में शिकायत की है। शिकायत है कि निविदा में तकनीकी रूप से अपात्र मुद्रक मीनल पब्लिकेशन के मुद्रणालय में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें छपती पाई गई हैं।
मीनल पब्लिकेशन के मुद्रणालय में दबिश दी गई, तो वहां छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की नैतिक मूल्य एवं योग शिक्षा भाग एक की पुस्तक का मुद्रण एवं बाइंडिंग कार्य चालू था। आरोप है कि निगम ने प्रोग्रेसिव आफसेट गोंदवारा को छपाई का आर्डर दिया था, जबकि छपाई का काम मीनल पब्लिकेशन कर रही है। जो किताबें मिली हैं उनमें प्रकाशक का नाम प्रोग्रेसिव आफसेट लिखा बताया जा रहा है।
खोखले हो रहे अफसरों के दावे
निगम के अधिकारियों का दावा है कि नियमानुसार जिस जगह पर किताबों की छपाई होती है, वहां निगम की ओर से गठित दल निरीक्षण करता है और यह सुनिश्चित करता है कि छपाई में सारे मापदंडों का पालन किया जा रहा है, लेकिन इस मामले में अफसरों के दावे कमजोर दिख रहे हैं।
निरीक्षण तो दूर दूसरे प्रिंटिंग कंपनी के परिसर में किताबों के लिए कागज का ढेर लगाकर किताबें प्रकाशित कराई जा रही हैं। जानकारों की मानें तो ऐसे मामले में प्रिंटिंग प्रेस के साथ अनुबंध होता है कि वह अपने कार्य सबलेट नहीं कर सकते हैं। प्रिंटर ने अनुबंध का उल्लंघन किया है, लिहाजा उसे ब्लैकलिस्टेड कर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
यह अधिकारियों का विषय है
ये मूल रूप से उस फर्म के खिलाफ टेंडर उल्लंघन का आरोप है। इस मामले में यदि फर्म के खिलाफ सबलेट करने की शिकायत आती है तो हम जांच करेंगे । यह पूर्ण रूप से प्रशासनिक अधिकारियों का विषय है। अध्यक्ष का विषय नहीं है, यदि मुझे लगता है कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो मैं अफसरों से बात करूंगा।
– शैलेष नितिन त्रिवेदी, अध्यक्ष, पाठ्यपुस्तक निगम
सबकी मिलीभगत है
सरकारी किताबों को अवैध तरीके से कैसे छपवाया जा रहा है। क्या इस कारखाने को कागज बेच दिया गया है। सबकी मिलीभगत से निगम में बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार हो रहा है। जिस कंपनी को काम नहीं दिया गया था वहां कैसे छपवाया जा रहा है, यह जांच का विषय है, सरकारी कागज को बेचा जा रहा है। अध्यक्ष को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।