7 साल बीतने के बाद भी विदेशी बैंकों से काला धन वापस नहीं ला सका मोदी सरकार : प्रवक्ता विनोद
महासमुंद। संसदीय सचिव व कांग्रेस संचार विभाग के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने केंद्र में काबिज मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार काला धन वापस लाने में असफल रही है। उल्टे भाजपा के सात साल के कार्यकाल के दौरान स्वीस बैंकों में काला धन और बढ़ गया है।
जारी एक बयान में संसदीय सचिव व प्रदेश प्रवक्ता चंद्राकर ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2013 में कहा गया था कि स्विस बैंकों में जमा धन देश में आ जाएगा तो हर परिवार को 15-15 लाख मिलेंगे। लेकिन सात साल बीतने के बाद भी विदेशी बैंकों में काला धन वापस नहीं आया है। बल्कि इन सात सालों में काला धन और बढ़ गया है। केंद्र सरकार पर जनता के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए चंद्राकर ने कहा कि पिछले सात सालों में कितना काला धन आखिर देश वापस आया, सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। वहीं स्विस बैंकों में जमा भारतीय लोगों के पैसों में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है।
बैंक द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो भारतीयों का जमा पैसा साल 2020 में 20,700 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने एक डेटा शेयर किया है। इससे पता चला कि पिछले एक साल में भारतीयों द्वारा जमा किए गए पैसों में रिकार्ड 286 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जो कि पिछले 13 सालों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये का वादा करने के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कालाधन लाने और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद उसने अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया। 2014 में बड़े-बड़े वादों के सहारे सरकार बनाने के बाद मोदी सरकार ने काला धन वापस लाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए और पिछले 7 सालों में कितना-कितना काला धन और किस-किस देश से वापस लाया गया? मोदी सरकार ने विदेशी खातों में काला धन छिपाए जाने से रोकने के लिए क्या उपाय किए? केंद्र सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।