राजधानी में अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधानों में शिथिलीकरण से आसान हुई शिवानी और मीरा की राह,मुख्यमंत्री का माना आभार
रायपुर। कोरोना काल में अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत की सीमा के नियम में शिथिलीकरण के राज्य सरकार के निर्णय से कई परिवारों की राह आसान कर दी है। इससे न सिर्फ परिवारों को जीवन-यापन के लिए सहारा मिला है,बल्कि बच्चों के सुखमय भविष्य की राह भी आसान हुई।
उत्तर बस्तर कांकेर की शिवानी चौहान और नारायणपुर की मीरा मतलाम ने शनिवार को कांकेर और नारायणपुर जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन वर्चुअल कार्यक्रम में बातचीत करते हुए अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत की बाध्यता को समाप्त करने के लिए आभार प्रकट किया।
कांकेर जिले की शिवानी ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु 2014 में हो गई थी, दो साल पहले उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। दो वर्ष से पद रिक्त नहीं होने के कारण उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी। वह भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थी। राज्य सरकार की ओर से अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान शिथिल करने से एक हफ्ते पहले उन्हें नियुक्ति मिल गई है। अनुकंपा नियुक्ति मिलने से वह अपने साथ-साथ अपने भाई-बहन के सुनहरे भविष्य को भी एक नई दिशा दे सकेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा आपकी इस संवेदनशील पहल से बहुत से लोगों के भविष्य सुधरेंगे।
नारायणपुर की मीरा मतलाम ने बताया कि सहायक ग्रेड वर्ग 3 के पद पर उनकी अनुकम्पा नियुक्ति हुई है। उन्होंने बताया कि पति के निधन के बाद से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। पति के गुजर जाने के बाद परिवार पर मुसीबत टूट पड़ी थी और भरण-पोषण तक मुश्किल हो गया था। अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत सीमा बंधन होने के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब यह सीमा शिथिल हो जाने के बाद उन्हें नियुक्ति मिल गई है, जिसके कारण उनके परिवार को बहुत राहत मिली है।
उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। राज्य शासन की ओर से कोरोना से दिवंगत शासकीय कर्मचारियों के आश्रितों सहित अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों में आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए सीमा बन्धन को शिथिल करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में अभियान चलाकर ऐसे सभी प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है।