छत्तीसगढ़ में जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 16 राइस मिल तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड
कवर्धा। सोमवार को जिले की 90 सहकारी समिति के 400 कर्मचारियों द्वारा सामूहिक इस्तीफे के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लापरवाही बरतने वाली 16 राइस मिलों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
समिति कर्मचारियों के इस्तीफे का कारण धान खरीदी केंद्र से धान का उठाव न होना था। इसकी वजह से 50 प्रतिशत धान का उठाव नहीं हो पाया है। लिहाजा जिले के बहुत से धान केन्द्रों में धान खराब हो गया। समिति कर्मचारियों ने नाराजगी का कारण जाहिर करते हुए बताया कि विपणन संघ को लगातार सूचना दी गई कि धान का उठाव कर लिया जाए| फिर भी धान का उठाव नहीं किया गया। इससे सहकारी समिति के कर्मचारियों को 3 महीने से वेतन भी नहीं मिला है। जिले में अलग-अलग धान खरीदी केन्द्रों में धान खराब हो रहा है| लिहाजा इसका बोझ सहकारी समितियों को उठाना पड़ रहा है।
एक दिन पहले ही जिले की 90 समितियों के 400 कर्मचारियों ने उठाव नहीं होने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। वे केन्द्रों से 5 लाख क्विंटल से ज्यादा धान का उठाव नहीं होने से नाराज थे। धान उठाव नहीं होने के कारण समितियों को नुकसान हो रहा था। सोमवार को सहकारी समिति के कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया। जिसकी गाज जिले की 16 राइस मिलों पर गिरी है। प्रशासन ने 16 राइस मिलों को 3 साल के ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा की ओर से सोमवार देर शाम जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 तक का धान का उठाव नहीं करने और डीओ रिक्वेस्ट नहीं भेजने पर अरवा राइस मिलर्स को 7 जून को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद भी जवाब नहीं दिया गया और मिलिंग में तेजी नहीं आई। दूसरे आबंटन में भी 50 फीसदी से कम धान का उठाव किया गया। इसे देखते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाता है
बता दें कि ब्लैक 16 ब्लैक लिस्टेड राइस मिलों में राइस मिलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आदिल गांधी की मिल बोड़ला के हरिनछपरा स्थित जनता राइस मिल भी शामिल है।