छत्तीसगढ़

सभी गौठानों में हरे चारे का प्रबंध हो : सीएम बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठानों में अनिवार्य रूप से चारागाह विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गौठानों में आने वाले पशुओं को सूखे-चारे के साथ-साथ हरा चारा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टरों को गौठान समितियों के माध्यम से गौठानों में चारागाह के लिए सुरक्षित भूमि में नेपियर घास सहित ज्वार, बाजरा, मक्का आदि की बुआई सुनिश्चित करवाने को कहा है। चारागाह विकास का काम गौठान समितियों के पास उपलब्ध राशि किया जा सकेगा। कृषि एवं पशुपालन विभाग द्वारा भी चारागाह विकास के कार्य में गौठान समितियों को आवश्यक मार्गदर्शन एवं मदद दी जाएगी।

गौरतलब है कि सुराजी गांव योजना के तहत राज्य में 10 हजार से अधिक गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई हैै, जिसमें से 5600 से अधिक गौठान निर्मित हो चुके हैं। गौठान समितियों पशु चिकित्सा विभाग के मार्गदर्शन में 1982 गौठानों में चारागाह तैयार किया गया है और यहां पशुओं के लिए हरे चारे की बुआई की गई है। पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन गौठानों में लगभग डेढ लाख क्विंटल हरा चारा उत्पादित पशुओं को आहार के रूप में उपलब्ध कराया गया है। गौठानों में पैरा दान के माध्यम से बीते वर्ष 2 लाख 16 हजार 418 मेट्रिक टन पैरा एकत्र किया गया। जिसके जरिए पशुओं के चारे का प्रबंध गौठानों में हुआ। महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने के लिए 216 गौठानों में मल्टीएक्टीविटी सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां महिला समूहों द्वारा मुर्गी, बकरी, सूकर एवं कड़कनाथ मुर्गी पालन सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा गौठानों में पशुओं के उपचार, कृमि नाशक दवापान, टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भाधान के कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है।

पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशुओं को वर्षा ऋतु में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए सतत रूप से टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। अब गौठान पशुओं के उपचार एवं टीकाकरण केन्द्र का रूप ले चुके हैं। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा अब तक राज्य में गलघोटू और एकटंगिया बीमारी से बचाव के लिए राज्य में 17 लाख 14 हजार से अधिक पशुओं को अब तक टीका लगाया जा चुका है। गलघोटू और एकटंगिया का टीका पशुधन विकास विभाग द्वारा गौठानों में, गांवों में शिविर लगाकर तथा पशु चिकित्सालयों एवं केन्द्रों में नियमित रूप से किया जा रहा है। राज्य में अब तक 9 लाख 73 हजार पशुओं को गलघोटू (एच. एस.) तथा एकटंगिया रोग से बचाव के लिए 740 लाख पशुओं को बी.क्यू. टीका लगाया जा चुका है।

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