छत्तीसगढ़

खरोरा थाना क्षेत्र में हुए अंधे कत्ल की गुत्थी सूलझी, 10 साल बाद 2 आरोपी गिरफ्तार

खरोरा। खरोरा थाना में 10 वर्ष पूर्व हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की रिपोर्ट 10 वर्ष पूर्व 15 जनवरी 2011 को दर्ज करवाई गई थी। मिली जानकारी के अनुसार 15 जनवरी 2011 को प्रार्थी तोषनलाल सेन ने थाना खरोरा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह ग्राम कोसरंगी में रहता है और अपने पिता लेखराम सेन के साथ ग्राम कोसरंगी में सैलून दुकान चलाता है। प्रार्थी के पिता लेखराम सेन 14 जनवरी 2011 को रात में करीबन 11:00 बजे ग्राम फरहदा में आरकेस्ट्रा का कार्यक्रम देखने गए थे। घर से अकेले निकले थे और रात में वापस नहीं लौटे।

15 जनवरी 2011 को प्रातः 8 बजे गांव के जैलूराम सेन ने प्रार्थी को बताया कि तुम्हारे पिता लेखराम सेन ग्राम फरहदा में एक खेत में मृत अवस्था में पड़े है। इस पर प्रार्थी अपने परिवार के साथ ग्राम फरहदा जाकर देखा तो उसके पिता लेखराम सेन के सिर, चेहरे में चोट के निशान थे, खून निकला था,जो मृत अवस्था में झाडूराम सतनामी के खेत में पड़े थे। इस पर प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना खरोरा में अपराध क्रमांक 18/11 धारा 302, 201, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अफसरों के निर्देशानुसार एक टीम गठित कर मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई। घटना के बिन्दुओं को कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए गए और संतोष यादव उर्फ घनश्याम उर्फ आमला की पतासाजी कर पकड़ा गया।

टीम के सदस्यों द्वारा संतोष यादव से पूछताछ करने पर उसके द्वारा किसी भी प्रकार से अपराध में अपनी संलिप्तता नहीं होना बताकर लगातार टीम को गुमराह किया जा रहा था। इस पर टीम के सदस्यों द्वारा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर संतोष यादव अपने झूठ के सामने टिक न सका और अंततः आरोपी संतोष यादव द्वारा अपने साथी लोकेश यादव के साथ मिलकर हत्या की उक्त घटना को कारित करना स्वीकार किया गया। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा घटना में संलिप्त आरोपी लोकेश यादव को भी पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी संतोष यादव ने बताया कि वह 10 वर्ष पूर्व अपने नाना के घर ग्राम फरहदा खरोरा में रहता था। दिनांक घटना की रात्रि वह अपनी प्रेमिका से मिलने खेत में गया था और रखवाली के लिए अपने साथी लोकेश यादव को खड़ा किया था।

इसी दौरान आरोपी संतोष यादव और उसकी प्रेमिका को मृतक लेखराम सेन ने मिलते हुए देख लिया,जिससे आरोपी की प्रेमिका भाग गई और मृतक लेखराम सेन दोनों आरोपियों को फटकार लगाते हुए बोला तुम्हारी हरकत को मैं गांव वालों को बता दूंगा। इस बात से गुस्सा होकर दोनों आरोपियों ने लेखराम सेन के साथ हाथ मुक्का और लात से मारपीट किया और पास पड़े मिट्टी में ढेलों से लेखराम सेन के सिर पर वार किए। अंत में बेल्ट से लेखराम सेन का गला दबाकर हत्या कर बेल्ट को नहर में फेंक कर फरार हो गए। दोनों आरोपी संतोष यादव उर्फ घनश्याम उर्फ आमला पिता रमेश यादव उम्र 30 साल निवासी ग्राम जरौद थाना मंदिर हसौद और लोकेश यादव पिता गेंदूराम यादव उम्र 32 साल निवासी ग्राम जरौद थाना मंदिर हसौद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा गया।

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