छत्तीसगढ़

राजधानी में मवेशियों के रोका-छेका की‌ बैठक में अवैध शराब बिक्री की‌ गूंज

रायपुर। फसल बचाने मवेशियों की रोका-छेका के लिए आरंग जनपद पंचायत क्षेत् के ग्राम कठिया ( टेकारी ) में ग्रामीणों ने बैठक कर पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही व्यवस्था के‌ तहत रखवाली के लिए रखवाल की व्यवस्था की है।

संयोगवश इस अवसर पर पहुंचे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने कठिया में चल रहे अघोषित भट्ठी के माहौल से आसपास के ग्रामों में व्याप्त हो रहे अशांति पर नाखुशी जाहिर करते हुए इसमें लिप्त तत्त्वों के आतंक का खुलकर विरोध कर ग्रामीण व्यवस्था के‌ तहत इस पर एक सप्ताह के भीतर रोक लगाने का आग्रह ग्रामवासियों से किया।

नाकामी पर आसपास के प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों के सहयोग से मोर्चा खोलने की चेतावनी देने के साथ-साथ बैठक स्थल से‌ ही मंदिरहसौद थाना प्रभारी अश्वनी राठौर को भी हालात से अवगत कराया व ग्रामीणों की नाकामी की स्थिति में ठोस व प्रभावी कार्यवाही का आग्रह किया। बता दें कि अमूमन खरीफ धान की बुआई मास आषाढ़ से लेकर उन्हारी फसल कटाई मास चैत्र तक फसल बचाने मजदूरी पर रखवाल रखने की परंपरा प्रदेश के हरेक ग्राम में पीढ़ियों से चला आ रहा है।

इस अवधि में ग्रामीणों के मवेशियों को चराने ग्रामीणों की ओर से बरदी एवं पहाट के नाम पर चरवाहे की भी नियुक्ति ‌‌की जाती है। इस परंपरा को वर्तमान प्रदेश सरकार की ओर से रोका – छेंका अभियान का नाम दिया गया है। इसी रोका – छेका अभियान के तहत कठिया में फसल बचाने रखवाल रखने व उसको दी जाने वाली मजदूरी तय करने ग्रामीणों की बैठक हुई, जिसमें रखवाल नियुक्त कर उसकी मजदूरी तय की गई।

इधर संयोगवश कठिया पहुंचे शर्मा ने कठिया में भोर से लेकर देर रात तक अघोषित भट्ठी चलने से कठिया सहित आसपास के ग्राम टेकारी , कुंडा , अमेरी , सकरी , सोनभट्ठा , तुलसी आदि के मदिराप्रेमियों के यहां जमावड़ा होने व इन ग्रामों में अशांति का माहौल बने रहने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वे दूसरे ग्रामों की तो नहीं कम से कम अपने ग्रामों के नौनिहालों के भविष्य व महिलाओं की सम्मान की तो चिंता करें।

मुट्ठी भर शराबकोचियों के आतंक का मिलजुल कर ग्रामीण व्यवस्था के‌ तहत सामना कर शराब बिक्री पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए एक सप्ताह के भीतर खुशखबरी देने का उन्होंने आग्रह किया । साथ ही कठियावासियों के नाकामी पर प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों के सहयोग से मोर्चा खोलने की भी चेतावनी दी।

बैठक में सरपंच रूपेन्द्र वर्मा, मंतराम धृतलहरे , क्रांति कन्नौजे , शिवकुमार वर्मा , गोवर्धन वर्मा , रामकुमार वर्मा , राधेश्याम वर्मा , गोवर्धन कन्नौजे , अश्वनी वर्मा , खेलावन कुर्रे , तुलाराम वर्मा , नरेन्द्र वर्मा , बसंत कन्नौजे , नीलकंठ डहरिया , बिसौहा वर्मा , विजय वर्मा , भानुराम कुर्रे , महेंद्र वर्मा , बल्ला वर्मा , होरीलाल यादव , खेलावन वर्मा , मंतराम वर्मा आदि मौजूद थे।

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