छत्तीसगढ़

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा, मल्टी यूटिलिटी सेंटर्सों की ली जानकारी

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को मंत्रालय में विभिन्न विभागीय योजनाओं की समीक्षा की।

उन्होंने दिन भर चली बैठक में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों और वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों व मैदानी अमले के साथ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम), राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, रूर्बन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) तथा पंचायत संचालनालय के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै और सचिव प्रसन्ना आर. भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

सिंहदेव ने बैठक में मनरेगा के अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक संपादित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बीते साल विपरीत परिस्थितियों में इस योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए मनरेगा टीम की पीठ थपथपाई। उन्होंने सभी वर्गों के श्रमिकों के साथ ही जरूरतमंद महिला श्रमिकों, दिव्यांगजनों और वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों को पर्याप्त संख्या में रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए। सिंहदेव ने मनरेगा कार्यस्थलों में महिला मेट की संख्या कम से कम 50 प्रतिशत तक पहुंचाने कहा। उन्होंने कोविड एप्रोप्रिएट व्यवहार का पालन करते हुए पूरी सतर्कता के साथ मनरेगा कार्य संचालित करने को कहा।

सिंहदेव ने बैठक में मनरेगा के तहत नरवा उपचार के अब तक हुए कार्यों के प्रभावों का आंकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने नरवा उपचार के बाद जल की उपलब्धता को देखते हुए सिंचित रकबे में बढ़ोतरी, द्विफसलीय रकबे में वृद्धि और जल स्तर में सुधार जैसे बिंदुओं पर इनका मूल्यांकन करने कहा। उन्होंने प्रस्तावित नरवा उपचार के कार्यों के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए जल्द स्वीकृति प्रदान करने भी कहा। उन्होंने वन विभाग से समन्वय कर वन क्षेत्रों में नरवा उपचार के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2020-21 और 2021-22 में पंचायतों को आवंटित राशि और व्यय की जानकारी ली। उन्होंने इसके तहत प्रस्तावित कार्यों की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति जल्द प्राप्त कर काम शुरू करने कहा।

सिंहदेव ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों द्वारा स्वरोजगार के माध्यम से महिलाओं की आमदनी बढ़ाने वाली गतिविधियां पर्याप्त संख्या में संचालित करने के निर्देश दिए। मंत्री ने प्रदेश भर में संचालित 15 मल्टी यूटिलिटी सेंटर्स के गतिविधियों की भी जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि इन सेंटर्स में महिलाओं के स्वरोजगार के लिए 101 तरह की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इनके जरिए 201 स्वसहायता समूहों की 1477 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। इन सेंटर्स में निर्मित उत्पादों की बिक्री से चार करोड़ 86 लाख रूपए प्राप्त हुए हैं।

 

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