छत्तीसगढ़

शिक्षक अभ्यर्थियों के आंदोलन से प्रदेश की राजनीति का बढ़ा तापमान

रायपुर। दो साल से बेरोजगारी की मार झेल रहे शिक्षक अभ्यर्थियों का सब्र टूट रहा है। प्रदेश के ढाई हजार शिक्षक अभ्यर्थी आज बूढ़ा तालाब धरना स्थल पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर सीएम निवास के लिए रवाना हुए। लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। नाराज शिक्षक अभ्यर्थियों ने सड़क पर ही धरना दे दिया और सिर मुड़वाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया।

सरकार ने वित्तीय स्थिति का हवाला देकर नहीं की नियुक्ति

छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो बेरोजगारों को नौकरी देने का एलान किया और परीक्षा भी ली गई। 14,580 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली| लेकिन नियुक्ति दो साल बाद भी नहीं हो पाई है। सरकार ने वित्तीय स्थिति का हवाला देकर इनकी नियुक्ति को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कोरोना काल में आंदोलन के बाद 1 मार्च से 31 मार्च तक 2671 व्याखताओं की नियुक्ति की गई। अब भी 12 हजार अभ्यर्थी बेरोजगारी के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

राज्य सरकार का 0.3 प्रतिशत बजट होगा खर्च
छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान का कहना है कि हम मांग नहीं अपना अधिकार लेने के लिए आए हैं। 2019 में हमने पेपर दिया है और अब 2021आ चुका है| हमारा सत्यापन हो चुका है। पिछले 2 सालों से हम शिक्षक बनने का सपना संजोए बैठे हैं, लेकिन अभी तक हमें स्कूल नहीं मिला है| हम शिक्षक नहीं बन पाए है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी नियुक्ति होगी तो सेलरी का 75 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार देगी। अगर हमें 10 हजार भी देते हैं तो राज्य सरकार को ढाई हजार रुपये ही देने हैं। इसके लिए भी सरकार तैयार नहीं है। सेलरी का टोटल केलकुलेशन किया जाए तो राज्य सरकार के बजट में 0.3 प्रतिशत उनका बजट खर्च होगा।

बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर कसा तंज

इधर, बीजेपी नेता व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अभी तो शिक्षक सड़क पर आए हैं| आने वाले समय में पूरा प्रदेश सड़क पर होगा। क्योंकि सब लोगों से इन्होंने झूठे वादे किए हैं।

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