छत्तीसगढ़

राजधानी में श्रमिकों को पंजीयन के लिए अब नहीं देना पड़ेगा शुल्क

रायपुर। प्रदेश के श्रमिकों से अब किसी प्रकार का पंजीयन शुल्क नहीं लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की तेरहवीं बैठक में श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने निर्देशित किया कि श्रमिकों से पंजीयन की राशि बिल्कुल न ली जाए।

उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि शासन की विभिन्न योजनाओं से श्रमिकों और उनके परिवारों को प्रदान की जाने वाली राशि, छात्रवृत्ति की राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खाते में (डीबीटी) अंतरण करें।

उन्होंने श्रमिकों के पंजीयन शुल्क का वहन मंडल को करने के निर्देश दिए। श्रम मंत्री के इस फैसले से श्रमिकों को आर्थिक मदद मिलने के साथ ही काफी सहूलियत होगी। अटलनगर, नवा रायपुर में आयोजित बैठक में मंत्री ने मंडल को विभिन्न माध्यमों से अपनी आय बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए कहा। मंत्री डहरिया ने योजनावार आवंटन और बजट के अनुसार आय-व्यय की समीक्षा भी की। इस दौरान श्रमिकों के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उन्होंने बैठक में प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के लिए अनिवार्य 90 दिवस के नियोजन प्रमाण पत्र की आवश्यकता को कोविड-19 की वजह से एक वर्ष के लिए आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। इस निर्णय से अब स्वघोषणा के माध्यम से ही पंजीयन किया जा सकेगा।

बैठक में मंडल के सदस्य महेश शर्मा, सतीश अग्रवाल, सचिव श्रम अमृत कुमार खलखो, श्रम आयुक्त एलेक्स पाल मेनन, मंडल के सचिव राजेश कुमार पात्रे, केंद्रीय रोजगार मंत्रालय के एके महांता, भागीरथी वर्मा, आरके खन्ना व हिमशिखा साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

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