छत्तीसगढ़ में बकरीद में दूर-दूर बैठकर पढ़ी नमाज, मस्जिदों में ज्यादा भीड़ नहीं होने दी
रायपुर। इस साल कोरोना महामारी के चलते मस्जिदों में दूर दूर बैठकर नमाज अदा की गई। ज्यादा भीड़ एकत्रित न हो इसलिए अधिकांश मस्जिदों में दो-दो जमात की नमाज रखी गई। राजधानी के विविध इलाकों में करीब 50 मस्जिदों में सादगी से नमाज पढ़ी ताकि भीड़ न बढ़े। शासन ने पहले ही मस्जिदों में कोरोना नियमों का पालन करने का आदेश जारी कर दिया था। मुख्य नमाज लाखे नगर के ईदगाह भाठा में हुई। हर साल 8 से 10 हजार लोग नमाज पढ़ते थे, इस बार ज्यादातर लोगों ने एहतियात बरतते हुए घर पर ही नमाज पढ़ी। मास्क लगाकर एक दूसरे को मुबारक बाद दी।
इस्लाम धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक माने जाने वाला कुर्बानी का पर्व बकरीद (ईद-उल-अजहा) बुधवार को सादगी से मनाया गया। राजधानी में 50 मस्जिदों, दरगाह, ईदगाह मैदान में अलग-अलग समय पर नमाज अता की गई। मुख्य नमाज लाखेनगर स्थित ईदगाह मैदान में पढ़ी गई। नमाज 10 बजे शुरू हुई और 10.30बजे तक चली।
सबसे पहली नमाज बैजनाथपारा के मदरसा ईस्लाहुल मुस्लेमीन व दारुल यतामा, मुस्लिम यतीमखाना में सुबह 5.55 बजे और सबसे आखिरी नमाज छोटापारा में 11 बजे पढ़ी जाएगी। इसके अलावा 15-15 मिनट के अंतराल में अलग-अलग इलाकों की मस्जिदों में नमाज की व्यवस्था की गई थी ताकि कोई भी नमाज पढ़ने से वंचित न रहे। मौलाना साहब ने नमाज पढ़ी और भाईचारे का संदेश दिया।