शिक्षा मंत्री टेकाम का बड़ा बयान, कोरोना से लड़ने शिक्षा विभाग ने बनाए नए नियम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने से पहले विभाग की तैयारी को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए शिक्षा विभाग तैयार है। हाई स्कूल के शिक्षकों को 70-80 प्रतिशत वैक्सीन लग चुकी है। मंत्री ने शिक्षकों से अपील की है कि जिन शिक्षकों को वैक्सीन नहीं लगा है, वे स्कूल खुलने से पहले वैक्सीनेशन करा लें।
मंत्री डॉ टेकाम ने बातचीत में कहा कि माना कोरोना संक्रमण किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन इस चुनौती के बीच आख़िर कब तक स्कूल बंद रखा जाएगा। पिछले 2 सालों से स्कूल बंद है। बच्चों की सुरक्षा भी ज़रूरी है, इसलिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पहले चरण में दसवीं और बारहवीं विद्यार्थी स्कूल आएंगे। रोटेशन हिसाब से 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किया गया है।
वहीं कोरोना टीका के अभाव को लेकर शिक्षा मंत्री ने अब तक 70-80 प्रतिशत शिक्षकों को पहला डोज लग चुका है। जिन शिक्षकों को अभी टीका नहीं लगा है, वो स्कूल खुलने से पहले लगवा लें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि टीका की आपूर्ति नहीं होने के कारण टीका लगाने में दिक़्क़त आ रही है। टीका सप्लाई समय में होती है तो आज तक शत प्रतिशत टीकाकरण हो जाता।
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कहा कि हां स्कूल गेट में थर्मल मशीन होगा। सेनेटाइज करने की व्यवस्था होगी। मास्क के बग़ैर प्रवेश नहीं मिलेगा। रोस्टर के हिसाब से स्कूल पहुंचेंगे। विद्यार्थी और जिन विद्यार्थियों को सर्दी खांसी होने पर स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। इस तरह तमाम कोरोना गाइड लाइन का कढ़ाई से पालन कराया जाएगा।
शिक्षक, प्राचार्य, बीईओ और डीईओ सभी कोरोना एडवाइजरी का पालन हो रहा है कि नहीं इसकी निगरानी में रहेंगे। जहां लापरवाही दिखेगी, वहां कार्रवाई भी की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने पालकों से अपील करते हुए कहा है कि विद्यार्थी स्कूल के लिए निकले तो कोरोना एडवाइजरी के मुताबिक़ विद्यार्थियों को समझाएं मास्क पहनकर ही घर से रवाना करें, और यदि विद्यार्थियों को सर्दी खांसी बुखार है तो स्कूल न भेजें।
ग़ौरतलब है कि प्रदेश में औसतन कोरोना संक्रमण 0.5 प्रतिशत है, लेकिन दुनिया भर के रिसर्च में कहा गया है कि थर्ड वे में बच्चे ज़्यादा प्रभावित होंगे। इस बीच छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। अब देखना होगा कि मंत्री द्वारा बताए गए नियम क़ानून स्कूल में कितना पालन होता है।