छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले से मौत का मामला गूंजा सदन में, वन मंत्री ने कुछ सवालों के जवाब में कहा यह सही नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसूम सत्र के तीसरे दिन बृहस्पत-सिंहदेव विवाद का पटाक्षेप होने के बाद ध्यानाकर्षण से विधायक शिवरतन शर्मा ने हाथियों के हमले से हुई मौतों का मामला सदन में उठाया।
विधायक अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा ने हाथियों की संख्या पर सवाल उठाए कि कितने हाथियों में ट्रेकिंग के लिए जीपीएसलगे हैं। जिन लोगों की मृत्य हुई, कितनों को मुआवजा दिया? वन मंत्री मो. अकबर ने इस पर जवाब दिया। मंत्री अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 300 हाथी वन क्षेत्रों में घूम रहे हैं।
वन क्षेत्रों में ग्रामीण अचानक हाथियों के पास आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों के डर से लोगों का अपने घरों को छोड़ने की बात सही नहीं हैं। मैनपाट इलाके में 9 हाथियों के दल के कारण ग्रामीण दूसरे गांव में ठहरे थे। रायगढ़ के 6 गांव में हाथी दल ने किसानों की फसल नुकसान की,यह बात गलत है। किसानों की सब्जी और फसल को नुकसान पहुंचाने की भी बात सही नहीं है। मंत्री अकबर ने रायगढ़ में हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत को स्वीकारा है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सही नहीं हैं कि हाथियों की रहस्यमय मौत हो रही। हाथियों की मौत का कारण प्राकृतिक है। डॉक्टर्स भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं। मृत हाथी के दांत गायब होने का मामला भी गलत है,क्योंकि इस मामले में आरोपी गिरफ्तार किए गए। हाथियों के दांत सुरक्षित रखे हुए हैं। मंत्री अकबर ने बताया कि अभी सिर्फ 6 हाथियों में ट्रेकिंग के लिए जीपीएस लगा हुआ है। जिनकी मृत्यु हुई है उन सभी को मुआवजा दिया जा चुका है। हाथियों के मौत के सभी मामलों की जांच की जा रही।