खाद सब्सिडी के नाम पर फिर भारी लूट की तैयारी
रायपुर। किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि ₹6000 में₹5000 जोड़ कर खाद सब्सिडी देने की तैयारी कर रहा है सरकार का कहना है कि सहकारी समिति एवं कृषि अधिकारी के भ्रष्टाचार की वजह से किसानों को पूरा लाभ नहीं पहुंच पाता तथा खाद की किल्लत होती है इसलिए सरकार सब्सिडी कंपनी के बजाय सीधे किसानों को देना चाहते हैं किंतु कितना देना चाहती है इस पर सरकार की नियत का पर्दाफाश हो जाता है उदाहरण में सिर्फ एक खाद डीएपी का ही लें इस वर्ष डीएपी का कीमत प्रति बोरी 2400/ कर दिया गया फिर केंद्र सरकार कंपनी को प्रति बोरी ₹1200 सब्सिडी दे देती है किसानों को पुराने मूल्य 1200 ही चुकाना पड़ा।
परंतु अब किसानों को प्रति बोरी सब्सिडी के बजाय प्रति किसान को चाहे वह 1 एकड़ का किसान हो या 50 एकड़ का सिर्फ ₹5000 सालाना सब्सिडी दिया जाएगा खरीफ में सिर्फ ₹2500 तथा रबी में ₹2500। अगर सरकार प्रति किसान या प्रति एकड़ की जगह कंपनी की भांति प्रति बोरी सब्सिडी नहीं दिया तो कृषि में खाद की लागत दोगुनी हो जाएगी अपने खेतों में ₹50000 की खाद डालने वालों को अब ₹100000 की चपत लगेगी।
किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि केंद्र सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करें तथा पूर्व की भांति प्रक्रिया जारी रखें पारसनाथ साहू ने यह भी कहा कि हमें कृषि कार्य के लिए किसी प्रकार की सब्सिडी एवं फसल बीमा नहीं चाहिए सरकार का धन भी बचेगा हमें सिर्फ स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार हमारे अनाज का सही कीमत चाहिए प्रधानमंत्री के कहे अनुसार हमारे अनाज का 2 गुना कीमत चाहिए जिसका वादा कर भाजपा सत्ता में आई है।