छत्तीसगढ़

सरपंच संघ ने जनपद सीईओ पर लगाया 6 % कमीशन मांगने का आरोप

कोरिया। जनपद पंचायत में कमीशन खोरी का नाम आज से नहीं सदियों पुरानी परंपरा चली आ रही है कोई भी सरपंच सचिव अगर काम कर आता है तो उसे बाबू से लेकर अधिकारियों को कमीशन देना अनिवार्य होता है बिना परमिशन के उसका बिल पास ही नहीं किया जाएगा ऐसा ही एक मामला वर्तमान में कोरिया जिला के जनपद क्षेत्र भरतपुर में इन दिनों सचिव-सरपंच और जनपद सदस्य आमने-सामने आ गए हैं एक तरफ सचिव-सरपंच सीईओ पर कमीशन मांगने का आरोप लगाकर हटाने की मांग कर रहे हैं, वहीं क्षेत्र के सभी जनपद सदस्य सरपंच सचिवों द्वारा लगाए आरोपों को निराधार बता रहे हैं।

दरअसल 19 अगस्त को विकासखंड भरतपुर के सरपंच संघ ने आरोप लगाया था कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पंचायत के हर कार्य में 6 प्रतिशत कमीशन मांगी जा रही है इसको लेकर सरपंच संघ ने क्षेत्रीय विधायक गुलाब कमरो के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी भरतपुर को हटाए जाने की मांग की थी अब अचानक इस मुद्दे में एक नया मोड़ आ गया है जनपद सदस्यों ने खुलकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी भरतपुर के पक्ष में अनुविभागीय अधिकारी भरतपुर के नाम एक ज्ञापन सौंपा है जिस पर उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पंचायतों में किसी प्रकार के कार्य पर कमीशन नहीं मांगी जा रही है बल्कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पिछले कई वर्षों से पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाई गई है।

जनपद सदस्यों ने आरोप को बताया निराधार- 

जनपद सदस्यों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी भरतपुर तुलसीदास मरकाम पर लगे आरोपों को निराधार बताया है उन्होंने सरपंच और सचिव संघ को यह भी कहा है कि यदि सीईओ के खिलाफ उनके पास कोई सबूत हों, तो उसे सार्वजनिक करें। जनपद सदस्यों ने बताया कि पंचायतों में चली आ रही भ्रष्ट व्यवस्था एवं कमीशनखोरी तात्कालिक जनपद पंचायत सीईओ तुलसीदास मरकाम द्वारा रोक लगाए जाने के कारण कुछ सरपंच और सचिव पंचायत के वेंडरों एवं पूंजीपतियों के इशारे पर सीईओ तुलसीदास मरकाम को बदनाम कर हटाने की साजिश की जा रही है अगर सीओ ने रिश्वत मांगी जा रही है, तो इसे सचिव एवं सरपंच संघ द्वारा सार्वजनिक किया जाए।

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