छत्तीसगढ़

रायपुर में चांदी के झूले में विराजेंगे कान्हा, जन्माष्टमी खरीदारी के लिए उमड़ी भीड

रायपुर। कोरोना महामारी में प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत जन्माष्टमी मनाने के लिए राधा-कृष्ण मंदिरों में तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। बाजारों में जन्माष्टमी मनाने के लिए खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। राजधानी के 10 से अधिक कृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण के बाल रूप कान्हा का 251 लीटर दूध से अभिषेक करके चांदी के झूले में विराजित किया जाएगा।

राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं का मनमोहक श्रृंगार दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। जवाहर नगर स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी पं.मलैया महाराज ने बताया कि सुबह 9 बजे शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाप्रभु श्री जुगल-जोड़ी सरकार जु का (251) लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा।

सुबह 10.30 बजे महाआरती कर प्रसाद स्वरूप दूध, फल, मिठाई, माखन-मिश्री का वितरण किया जाएगा। शाम 6 बजे से भव्य श्रृंगार दर्शन, झांकी दर्शन होगा। श्रद्धालु विविध फलों से सुसज्जित हिंडोला में विराजे कान्हा को झूला झुला सकेंगे। शाम 7 बजे महिला मंडल भजनों की प्रस्तुति देंगी। रात्रि 12 बजे ढोल बाजे, मंजीरा, शंख बजाकर भगवान का का जन्मोत्सव मनाएंगे। इसके बाद महाआरती होगी।

शदाणी दरबार परिसर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर 29 अगस्त, रात्रि 8 बजे से बच्चे, युवतियां सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। दरबार तीर्थ में श्रीकृष्ण भगवान का 35 फीट ऊंचा विराट स्वरूप का दर्शन किया जा सकेगा। परिसर में माखन चोरी की लीला, विदुर पत्नी से केले खाते हुए , कालिया नाग पर नृत्य और श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह की सुंदर मूर्तियां बनी हुई है।

सिटी कोतवाली के नए भवन में जन्मेंगे कान्हा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व समिति के संयोजक माधवलाल यादव ने बताया कि पिछले कुछ सालों से कोतवाली जेल में आधी रात को कान्हा के जन्म का संक्षिप्त मंचन किया जाता था। इस साल कोतवाली (जेल) का नया भवन बन चुका है। नए भवन में कान्हा जन्मेंगे। वासुदेव का भेष धारण करके कान्हा को सदर बाजार स्थित गोपाल मंदिर ले जाएंगे, जहां जन्मोत्सव की आरती की जाएगी।

इस्कान मंदिर

टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर में सादगी से जन्मोत्सव मनाया जाएगा। प्रभु श्रीलपाद की पूजा एवं राधा-कृष्ण की प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार करके आधी रात को जन्मोत्सव मनेगा। कोरोना नियमों के चलते इस बार मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा समता कालोनी के राधा कृष्ण मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, पुरानी बस्ती के गोपाल मंदिर, बूढ़ापारा के गोकुल चंद्रमा मंदिर में भी सादगी से जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

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