राजधानी में श्रीकृष्ण जन्म से पहले योगमाया का प्रकटोत्सव महामाया मंदिर में होगा
रायपुर। राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके के महामाया मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने से आधा घंटा पहले श्रीकृष्ण की बड़ी बहन योगमाया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला के अनुसार श्रीकृष्ण जन्म से पहले देवी मां ने योगमाया के रूप में जन्म लिया था। मंदिर में योगमाया के रूप में ही जन्माष्टमी पर महामाया देवी की विशेष पूजा करके जन्मोत्व मनाया जाता है। इस बार कोरोना के चलते सादगी से उत्सव मनाएंगे।
पुजारी शुक्ला ने बताया कि माता देवकी ने जब श्रीकृष्ण को जन्म दिया, तब आकाशवाणी हुई कि बालक को गोकुल में नंदबाबा के घर ले जाया जाए। बाबा वासुदेव ने बालक कृष्ण को आधी रात में टोकरी में रखकर जमुना नदी पार करते हुए गोकुल पहुंचाया। इस दौरान योगमाया की माया से कारावास के प्रहरी गहरी नींद में सो गए।
जब वासुदेव बालक कृष्ण को गोकुल पहुंचाकर वापस कारावास में आए। इसके बाद ही प्रहरियों की नींद खुली। कंस को पता चला कि देवकी के गर्भ से शिशु पैदा हुआ है तो वह कारावास में उसे मारने के लिए आया। बालक की जगह कन्या को देखकर कंस क्रोधित हुआ और जैसे ही उसका वध करना चाहा। कन्या, योगमाया के रूप में बदल गई। योगमाया ने कंस से कहा कि तुम्हारा काल गोकुल में पैदा हो चुका है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रहे बाजार गुलजार
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रविवार को राजधानी के बाजार गुलजार रहे। लोग जन्माष्टमी को देखते हुए मोर पंख, कान्हा ड्रेस, माला, बांसुरी, माखन, मटकी, सजावट के सामान, नंद गोपाल के झूले समेत व्रत के सामग्री लेते हुए दिखाई दिया। शहर के प्रमुख बाजार गोल बाजार, मालवीय रोड, शास्त्री बाजार समेत मालों में लोग जमकर खरीदारी करते हुए नजर आए।