छत्तीसगढ़ में घर और पेंशन के लिए भटक रही थी स्वंतत्रता सेनानी की पुत्री, मिला आशियाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वंतत्रता संग्राम सेनानी की 70 वर्षीया पुत्री लता राठौर पेंशन पाने और घर के लिए वर्षों से दर भटक रही थी। बुजुर्ग महिला ने पेंशन और आवास के लिए नेता से लेकर अधिकारियों तक की चौखट पर अर्जी लगाई, बावजूद इसके किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
अचानक एक दिन महिला की नजर पेट्रोल पंप पर लगी समाज सेविका सावित्री जगत के पोस्टर पड़ी। बुजुर्ग महिला ने अंतिम आस लेकर उनसे मुलाकात कर मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्महत्या करने की बात कही। समाज सेविका ने बुजुर्ग महिला की बातों को गंभीरता से लिया और अपने अथक प्रयास से बुजुर्ग महिला को भाठागांव स्थित बीएसयूपी कालोनी में सपनों का आशियाना मिल गया है।
समाज सेविका सावित्री जगत ने बताया कि लता राठौर के पास घर नहीं था वह घर के लिए इधर-उधर भटकते हुए चक्कर लगा रही थीं। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह मंदिर में रहकर किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रही है। बीएसयूपी मकान के लिए मैंने निगम और जोन कार्यालय में बात की। उनको बीएसयूपी आवास आवंटित हो गया।
मकान की फीस 4400 जमा करनी थी और उनके पास पैसे नहीं थे तो सावित्री जगत ने निगम में पैसे जमा करके उनके लिए रसीद भी कटाई है। लता राठौर को आवास मिलने की खुशी उनके चेहरे पर झलक रही थी। आवास आवंटित किए जाने के दौरान निगम के अधिकारियों के साथ हेमा सागर, गौतम मेश्राम, पूर्णिमा, सीमा क्षत्रिय, बिंदिया नाग, पिंकी निहाल, कौशल्या सागर, गीता मांझी उपस्थित रहे।