छत्तीसगढ़ में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को मिलेंगे हर साल छह हजार, पंजीयन शुरू
रायपुर। छत्तीसगढ़ में ’राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के लिए पंजीयन बुधवार से शुरू हो गई है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए इस योजना का लाभ लेने के आह्वान किया है। उन्हाेंने आगे कहा कि मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए ऐसी योजना लागू की है।
छत्तीसगढ़वासियों के लिए जारी संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने जरूरतमंदों को न्याय दिलाने की जो पहल की है, उसमें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के नाम से एक नया अध्याय जुड़ रहा है। इस न्याय योजना के लिए पंजीयन की शुरुआत एक सितंंबर से हो रही है, जो 30 नवम्बर 2021 तक चलेगा। इस योजनासे 10 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मजदूर लाभांवित होंगे। हर परिवार के लिए छह हजार रुपये हर वर्ष अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी।
सीएम भूपेश ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यह मंत्र दिया है कि गरीब परिवारों की जेब में किसी भी तरह से धन राशि डाली जाए, ताकि गरीब परिवार आर्थिक संकट के दौर में, कर्ज के दुष्चक्र में न फंसे और अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। जिस तरह से किसानों को मिली आर्थिक मदद ने बाजार को संबल दिया है, उसी तरह भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिली आर्थिक मदद भी ग्रामीण अंचल में अर्थव्यवस्था को गति देने का जरिया बनेगी।
योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को निर्धारित समयवधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल आरजीजीबीकेएमएनवाय डाट सीजी डाट एनआईसी डाट इन (rggbkmny.cg.nic.in) में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
पंजीयन हेतु मजदूर परिवार के मुखिया को आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन में यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा।
ग्राम पंचायत सचिव द्वारा हितग्राही से प्राप्त आवेदन निर्धारित समय सीमा में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। जहां पोर्टल में इसकी प्रविष्टी की जाएगी। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में र्भुइंया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-1 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जाएगी, जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट को सके तथा भूमिहीन परिवारों को आवेदन भरने में सुविधा प्राप्त हो सके।