रायपुर में शिकायत नहीं, धन्यवाद का विकास करें- मुनि दीप कुमार
रायपुर। सदर बाजार स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनिश्री दीप कुमार ने कहा कि हमें किसी के प्रति शिकायत नहीं, धन्यवाद के भावों का विकास करना चाहिए। जिन्होंने थोड़ा भी हमारा उपकार किया है उनके प्रति हमें कृतज्ञ बने रहना चाहिए। तीन व्यक्तियों के उपकार को कभी नहीं भुला जा सकता है। माता, पिता, उपकारी और धर्माचार्य के उपकार को।
माता पिता जन्म देते हैं, लालन पालन करते हैं, संस्कार देते हैं। उपकारी वक्त पड़ते अपेक्षित सहयोग करना, मार्गदर्शन देना आदि और धर्माचार्य धर्म का मार्ग बताते हैं इस तरह असीम उपकार धर्माचार्य का होता है। मुनि ने आगे कहा महापुरुषों ने अपने जीवन में कृतज्ञता के गुण का बहुत विकास किया है। जहां गुणों का विकास होता है वहां व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है।
भैरव सोसाइटी में श्री विमलनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से श्री हीर सूरी भवन में 29 अगस्त से श्री विमलनाथ जैन भोजनशाला शुरू की गई है। इस भोजनशाला को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में जैन व गैर जैन वर्ग के व्यक्तियों के द्वारा भोजन ग्रहण किया जा रहा है। यहां आए कई व्यक्तियों द्वारा सुझाव पुस्तिका में बहुत अच्छा भोजन प्राप्त हुआ का उल्लेख किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भैरव सोसायटी के क्षेत्र में कोई भी ऐसी भोजनशाला नहीं थी, जहां शुद्ध और सात्विक भोजन बहुत कम दरों पर उपलब्ध हो सके। इसे लेकर ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया के श्री हीर सूरी भवन में श्री विमलनाथ जैन भोजनशाला प्रारंभ की जाए। भोजनशाला में दो सब्जी, दाल-चावल, रोटी, एक खारा, एक मीठा और पापड़ मीनू में शामिल है। विशेषकर एमएमआई हॉस्पिटल, रामकृष्ण और संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजनों समेत भैरव सोसायटी व आसपास क्षेत्र के लोग प्रतिदिन आकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं।