छत्तीसगढ़ में चिंतन शिविर में सत्ता वापसी के लिए निकला ‘ट्रिपल बी’ का फार्मूला
छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए संघर्ष कर रही भारतीय जनता पार्टी ने चिंतन शिविर में जीत के लिए ‘ट्रिपल बी’ फार्मूला निकाला है। बस्तर के जगदलपुर में तीन दिन चले चिंतन शिविर के बाद तय किया गया कि पार्टी अब भाजपा, भावना और भाग्य के फॉर्मूले पर आगे बढ़ेगी।
भाजपा के चुनाव चिह्न को हर घर तक पहुंचाना है। बस्तर से लेकर सरगुजा तक आदिवासियों की भावना को ध्यान में रखकर रणनीति बनानी है। पिछले चुनाव में भाग्य ने पार्टी और नेताओं का साथ छोड़ दिया था, उसे एक बार फिर अपने पक्ष में करने के लिए सात्विक भाव से जुटने का निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर भावना सही रहेगी तो जनता उनके भाग्य का चुनाव बेहतर तरीके से करेगी। पार्टी के नेताओं को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। यही नहीं, जनता के बीच जाकर उसके मुद्दों पर आंदोलन करना पड़ेगा। संतोष ने साफ कहा कि जब तक बस्तर में लीड नहीं मिलेगी, तब तक एक-एक कार्यकर्ता को संतोष नहीं करना है।
चिंतन शिविर में सामाजिक समीकरण को भी भाजपा ने साधने की कोशिश की है। लंबे समय से पार्टी से नाराज और अलग-थलग चल रहे नेताओं को मुख्यधारा में जोड़ने की पहल भी की गई। बस्तर लोकसभा में सांसद नहीं होने के कारण पूरे बस्तर की जिम्मेदारी आदिवासी सांसद रामविचार नेताम को सौंपी गई है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अब पार्टी हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ने की दिशा में काम करेगी।
आदिवासी नेता नंदकुमार साय लंबे समय बाद सक्रिय नजर आए। चिंतन शिविर के बाद उनके आदिवासी नृत्य को देखकर यह कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इससे पहले चुनावी राजनीति में सक्रिय लोगों को भी यह संदेश देने की कोशिश की गई कि वे टिकट मांगने से पहले जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाएं।
कांग्रेस सरकार के झूठ को लेकर जाएंगे जनता के बीच
शिविर में सभी प्रमुख नेताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के विरोध का खाका तैयार किया। कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे, उसमें जो पूरे नहीं हुए हैं, उसे अस्त्र बनाकर प्रदेश सरकार को घेरा जाएगा। प्रदेश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस ने रोजगार का वादा किया, लेकिन युवाओं को ठगा। अब युवा मोर्चा रोजगार पर सरकार को घेरेगा। महिला मोर्चा को महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर काम करने का निर्देश दिया गया है।