बिलासपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और पर्यावरण संरक्षण विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन व मापदंडों का खनिज माफिया खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं। बारिश के मौसम में रेत सहित खनिज पदार्थों के उत्खनन पर रोक रहती है। अरपा नदी में ऐसा कुछ नहीं है। बारिश के मौजूदा मौसम में माफिया इस तरह सक्रिय हैं जैसे गर्मी का मौसम हो। नदी में भारी मशीनों के जरिए रेत की खोदाई तो कर ही रहे हैं अब चिल्फी पत्थर की तोड़ाई भी करने लगे हैंं।
रेत सहित खनिज पदार्थों के अवैध उत्खनन और परिवहन पर नजर रखने के साथ ही रोक लगाने के लिए खनिज विभाग ने टास्क फोर्स का गठन कर रखा है। फोर्स में शामिल अधिकारियों और मैदानी अमले की जिम्मेदारी है एनजीटी और पर्यावरण संरक्षण विभाग के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन कराना और रेत घाटों सहित अन्य खदानों की निगरानी करना। टास्क फोर्स की बेफिक्री कहें या फिर लापरवाही। अरपा नदी में बेखौफ उत्खनन और परिवहन का गोरखधंधा अब भी चल रहा है। रेत की खोदाई के लिए पोकलेन मशीन लगी हुई है। रेत के उत्खनन और परिवहन के साथ ही अब पत्थर की तोड़ाई भी करने लगे हैं।
एक खेल ऐसा भी चल रहा
सेंदरी में निर्माणाधीन पुल पर मलबा पाटने के लिए अरपा नदी के किनारे से सिल्ट निकालने का काम किया जा रहा है। नदी के किनारे पोकलेन लगाकर बाईपास सड़क बनाने वाली कंपनी द्वारा खनिज विभाग से बिना अनुमति लिए सिल्ट निकाला जा रहा है। नियमों पर गौर करें तो 15 अक्टूबर तक सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। रोक के बाद भी रेत का उत्खनन और पत्थर की तोड़ाई बेखौफ की जा रही है।