छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तृतीय लिंग समुदाय के 13 नव-नियुक्त आरक्षक को किया सम्मानित
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज तृतीय लिंग समुदाय के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबने तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण के लिए संचालित कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ शासन की नीति का लाभ उठाकर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है।
छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग फ्रेंडली
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए पॉलिसी बनाई है। छत्तीसगढ़ राज्य ने तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास एवं अधिकारों के संरक्षण हेतु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने के लिए 76 लाख का प्रावधान रखा है। यह देश में अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा।
तृतीय लिंग समुदाय का सर्वेक्षण पूरा
तृतीय लिंग समुदाय के डाटा संधारण के लिए ऑनलाईन सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। सर्वेक्षण में 2 हजार 919 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिन्हांकित किए गए हैं जिसमें से 1,025 व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किया गया है, जो राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड इत्यादि के लिए मान्य है।
97 तृतीय लिंगी अभ्यर्थियों ने दी थी परिक्षा
समाज कल्याण के संचालक पी.दयानंद ने बताया कि पुलिस आरक्षक की भर्ती में तृतीय लिंग समुदाय के 97 लोगों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 23 परीक्षार्थियों का चयन फिजिकल टेस्ट के लिए हुआ था, जिसमें 13 प्रतिभागी सफल होकर आरक्षक के पद पर चयनित हुए और वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थ हैं।
आरक्षक पद के प्रतिभागियों को प्रशासन एकेडमी और राज्य संसाधन एवं पुनर्वास केन्द्र में 5 माह तक लिखित एवं फिजिकल टेस्ट की तैयारी विषय-विशेषज्ञों द्वारा कराई गई। इस दौरान प्रतिभागितयों के लिए निःशुल्क भोजन, आवास की व्यवस्था की गई।