छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा से पूरी करेंगे बिजली की कमी, किसानों को फसल उत्पादन में होगी सुविधा
रायपुर। भारत में खेती-किसानी का काम आज भी बहुत हद तक बारिश पर निर्भर करता है। इसीलिए भारत में कृषि को मानसून का जुआ भी कहते हैं। कुछ बड़े किसानों ने तो विद्युत की व्यवस्था कर खेतों में पंप लगा लिए हैं और बारिश कम होने पर भी अपने खेती के काम को आराम से कर लेते हैं। मगर, छोटे और दूरस्थ इलाकों के किसान अभी भी बिजली और पंपों की व्यवस्था नहीं होने से बारिश की कमी होने पर अच्छी पैदावार नहीं ले पाते हैं।
ऐसे किसानों के लिए सरकार ने सौर सुजला योजना तैयार की है। ऐसे किसान जिसके खेतों तक विद्युत लाइन का विस्तार नहीं हुआ है या अधिक खर्च के कारण अपने खेतों तक विद्युत लाइन नहीं ले जा पाते हैं, उनके लिए सरकार द्वारा सौर सुजला योजना के तहत अनुदान में सौर ऊर्जा चालित सिंचाई पंप दिए जा रहे हैं।
इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार के ऊर्जा विभाग के अधीन क्रेडा (छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी) ने शुरू किया है। किसानों को योजना के तहत रियायती दरों में सौर सिंचाई पंप दिए जा रहे हैं। किसानों को 3 एच. पी. और 5 एच.पी. क्षमता वाले सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पंप देने के साथ ही उनकी स्थापना में 95 प्रतिशत तक का अनुदान भी सरकार की ओर से मिल रहा है।
स्थापित हो चुके हैं। लाभार्थियों का चयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है। जिन किसानों ने पहले से ही बोरवेल या पंप योजना के तहत लाभा ले लिया है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।