छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार को किया महाबंध, घंटों बाधित रहा राष्ट्रीय राजमार्ग

कोंडागांव। सर्व आदिवासी समाज ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में नारायणपुर चौक के पास सुबह 10 बजे से चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम के चलते सड़क में दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। यात्री परेशान होते दिखे। हालांकि, बीमार व चिकित्सालय जाने वाले लोगों को ही चक्का जाम में छूट मिली। अप्रिय स्थिति से निपटने बड़ी तादाद में सुरक्षा बल जगह-जगह में तैनात रहा।

राज्य सरकार के विरोध में चक्का जाम में शामिल होने जिले भर से आदिवासी समुदाय के लोग सुबह से ही जिला मुख्यालय में एकत्रित होने लगे। नगर में बंद ऐसा नजारा कि गलियां सूनी व नगर के तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। मुख्य मार्ग सहित गली मोहल्ले तक बंद का ऐसा नजारा लोग आने जाने में परेशान होते दिखे, आदिवासी समुदाय के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिला मुख्यालय से जुड़ने वाली सभी चौक चौराहों पर पारंपरिक हथियारों से लैस वेशभूषा में सज धज कर महा बंद को सफल बनाने डटे रहे।

सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष बंगाराम सोरी ने दावा किया कि दिनांक 19 जुलाई से आठ अगस्त तक अनिशिचत कालिन धरना पर रहे। दिनांक 30 व 31 अगस्त को प्रदेश कमेटी के आह्वन पर आर्थिक नाकेबंदी की थी। मगर, सरकार ने हमारी मांगों पर विचार करके समाधान की पहल नहीं की, इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई के नेतृत्व में आज सभी मांगों को लेकर महा बंद किया गया है।

जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी लड़ते रहेंगे। बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग ऐसे करके बस्तर के 85 संभाग पांचवी अनुसूची क्षेत्र में है, उन्हें सरकार ने आज तक नजरअंदाज किया है। वहां पर संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को लागू करने में सरकार नाकाम रही है। मुख्यमंत्री से मिलने 24 जुलाई को गए थे, लेकिन वहां कोई सकारात्मक चर्चा नहीं हुई। मंगलवार को 10 बजे से महाबंध की शुरुआत की है, जिसका दोपहर एक बजे समापन होगा। हमारी मांगों को लेकर सरकार द्वारा विचार नहीं किया जाता तो आगे और कदम भी बढ़ाएंगे।

मुख्य मांगे ये हैं….

– सुकमा जिले के ग्राम सिलगेर मे शांतिपूर्वक आन्दोलन कर रहे निर्दोष आदिवासियों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने वालो के खिलाफ एफआईआर। घरने में मृतक परिवारों को 50-50 लाख, घायलों को 5-5 लाख व मृतक परिवारों के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी।

– बस्तर संभाग की नक्सल समस्या पर स्थायी समाधान के लिए सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थाई समाधान की ओर राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल करे।

– पदोन्नति मे आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता, तब तक किसी भी हालत मे अनुसूचित जाति /जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नति रिक्त पदों को न भरें।

– सरकारी नौकरी मे बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए।

– पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती मे मूलवासियों की शत प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए।

– प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज मे लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाया जाए।

– फर्जी जाति प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो

-छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियो के लिए 50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त की जाए।

– आदिवासी समाज की महिला गैर आदिवासी समाज पर शादी होने पर जनप्रतिनिधि शासकीय सेवा या जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिये संबंधित अधिनियमों मे आवश्यक संशोधन किया जाए।

– आदिवासी उत्पीड़न पर अजाक थाना के चक्कर लगाने पडते है इस पर राज्य सरकार अकडाई से पलान कराये

– वन अधिकार कानून2006 का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये

– पेशा कानून की क्रियान्वयन नियम तत्काल बना कर पालन सुनिश्चित करया जाये।

– अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को विखंडित कर नगर पंचायत बनाया जाता है। उन पुनः विखंडित कर ग्राम पंचायत बनाया जाए

– सारकेगुड़ा कांड के दोषियों पर तत्काल कार्यवाही हो।

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