राजधानी में वायरल के बढ़े मरीज, स्वाइन फ्लू की आशंका पर जांच नहीं
रायपुर। राजधानी के अस्पतालों में वायरल फीवर के मरीज बढ़े हैं। जहां आंबेडकर अस्पताल में हर रोज 15 से अधिक वायरल फीवर मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में 12 से 15, आयुर्वेद अस्पताल में छह से आठ व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी वायरल फीवर के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ी है। इधर, आयुर्वेद कालेज परिसर में संचालित बच्चों के विशेष अस्पताल में 18 से 20 वायरल के मरीज सामने आ रहे हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ डा. निलय मोझरकर ने बताया कि वयस्कों की बजाय बच्चों में वायरल फ्लू की शिकायतें ज्यादा सामने आ रही है। इसकी वजह मौसम है, इस मौसम में ज्यादातर वायरल फीवर के मरीज बढ़ते हैं। चूंकि अभी कोरोना व स्वाईन फ्लू के लक्षण भी इससे मिलते जुलते हैं। ऐसे में अधिक समस्या दिखने पर लक्षण के आधर पर जांच कराई जा रही है।
डा. निलय ने बताया कि सामान्य फ्लू यानी सर्दी, बुखार ठीक होने में चार से पांच दिन लगते हैं। वहीं अभी सीजनल फ्लू में बुखार तो चार दिनों तक ठीक हो जा रहा है। लेकिन खांसी व कफ की समस्या 10 दिनों तक या उससे अधिक रह रही है। गंभीर मरीजों में निमोनिया की शिकायत मिल रही है। वर्तमान में वायरल फीवर से पीड़ित पांच बच्चे बच्चों के विशेष यूनिट में भर्ती हैं।
फ्लू के लक्षण व बचाव के उपाय
आंबेडकर अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विशेषज्ञ डाक्टर रोशन सिंह राठौर ने बताया कि सर्दी, खांसी, बुखार के साथ ही बदन दर्द, थकान जैसी शिकायतें आ रही हैं। यह एक से दूसरे में फैल रहा है। ऐसे में लक्षण नजर आने पर चिकित्सकीय उपचार लें। कोरोना जांच कराएं। ठंडी चीजों के सेवन से बचें। गर्म व ताजा आहार लेना ही बेहतर है।
आंबेडकर अस्पताल में स्वाईन फ्लू की जांच बंद
मिली जानकारी के मुताबिक आंबेडकर अस्पताल में पिछले डेढ़ महीने से स्वाईन फ्लू की जांच बंद है। चिकित्सकों ने बताया कि वायरल फीवर के सीजन में कई मरीज ऐसे हैं जिनमें स्वाईन फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं। लेकिन अस्पताल में जांच की सुविधाएं बंद है।
ऐसे में मरीजाें के सैंपल नहीं ले पाने की वजह से उन्हें चिह्नित करने में परेशानी आ रही है। सरकारी नियमों की वजह से बाहर जांच के लिए नहीं लिखा जा सकता है। प्रबंधन को इस बारे में बताया गया है। मगर, अब तक किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है।
वर्जन
वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इलाज के दौरान उनकी कोरोना जांच कराई जा रही है। स्वाईन फ्लू की आशंका पर हम सैंपल जांच के लिए मेडिकल कालेज भेजते हैं। लेकिन अभी सैंपल जांच नहीं हो पा रहा है।
– डा. पीके गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
किट नहीं होने की वजह से स्वाईन फ्लू की जांच नहीं हो पा रही है। हमने प्रबंधन को इसके लिए पत्र लिखा है। जैसे ही व्यवस्था होगी जांच फिर से शुरू करेंगे।