राजधानी के एम्स में अत्याधुनिक सिम्युलेशन लैब, चिकित्सा छात्रों को मिलेगा विश्वस्तरीय प्रशिक्षण
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने चिकित्सा छात्रों को और अधिक कौशलयुक्त बनाने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सिम्युलेशन लैब स्थापित की है। इसमें मानव शरीर की एक डमी पर चिकित्सक और छात्र एंडोस्कोपी, आर्थोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी जैसे कई प्रयोग कर उसके प्रभाव को जांच सकेंगे। अपनी तरह की यह पहली लैब होगी, जिसमें चिकित्सा छात्रों को मानव शरीर की बजाय पहले एक डमी पर कई प्रयोग करने का मौका मिलेगा।
एम्स के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित इस नई लैब का उद्घाटन निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने किया है। उद्घाटित पैशेंट मैनेजमेंट सिम्युलेशन एंड स्किल लैब में मानव शरीर के समान एक सिम्युलेटर है जो मानव के समान सांस लेने की प्रक्रिया से गुजरता है, इसका दिल भी धड़कता है और नब्ज भी होती है। इसमें रक्त के स्थान पर विशेष प्रकार का फ्लूड भी होता है। इस पर चिकित्सक और छात्र एंडोस्कोपी, आर्थोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी, इको कार्डियोग्राफी और अल्ट्रासाउंड के प्रयोग करके देख सकते हैं। इनका परिणाम भी मानव शरीर पर किए जाने वाले प्रयोगों के समान आता है।
प्रो. नागरकर ने बताया कि इसकी मदद से चिकित्सा छात्र कई तरह के प्रयोग कर जल्द सीख सकते हैं। इन प्रयोगों को रिकॉर्ड करके दोबारा देखा जा सकता है और इसका दूसरे स्थान पर प्रसारण भी किया जा सकता है। इससे चिकित्सा शिक्षक एमबीबीएस छात्रों का मूल्यांकन भी आसानी के साथ कर सकते हैं।
अस्थि रोग विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक अग्रवाल ने बताया कि सिम्युलेशन लैब की मदद से चिकित्सा छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी। इसमें चार प्रकार के सिम्युलेटर हैं जिसमें कार्डियो पल्मोनरी सिम्युलेटर, वायरलैस मेडिकल एंड ट्रामा मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक पेशेंट सिम्युलेटर और सेंट्रलाइज्ड क्लास मैनेजमेंट सिस्टम शामिल है।
यहछत्तीसगढ़ और आसपास के प्रदेशों में स्थापित अपने तरह की पहली लैब है जिसका लाभ चिकित्सा छात्रों को मिलेगा। इस अवसर पर डीन प्रो. एस.पी. धनेरिया, उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, वित्त सलाहकार बी.के. अग्रवाल, डॉ. अविनाश इंग्ले, डॉ. ए.के. गोयल, डॉ. अमित चौहान और डॉ. फाल्गुनी पाढ़ी भी उपस्थित थे।