रायपुर में अब दिल को सहेज कर दे रहे जिंदगी, छत्तीसगढ़ में 80 फीसद से अधिक दिल की सर्जरी आंबेडकर अस्पताल में
रायपुर। दिल की बीमारी से जिंदगी की जंग हारते लोगों के लिए डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल का एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट न सिर्फ एक सहारा बन गया है। बल्कि लोगों के भरोेसे का एक पर्याय है। चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि 2017 में शुरू हुए हृदय रोग विभाग में अभावों के बीच चिकित्सकों ने वह कर दिखाया, जिसकी जितनी सराहना की जाए कम है।
गरीब मरीजों को कम कीमत व निशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नवंबर 2017 में शासन ने यहां संचालित स्काट सेंटर का अधिग्रहण कर एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट बना दिया। वहीं चिकित्सकों ने भी संसाधनों के बीच करते हृदय रोगियों बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। मेहनत का नतीजा ही है कि अस्पताल में प्रदेश 80 फीसद हृदय रोगियों का इलाज होता है।
1. कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. स्मित श्रीवास्तव ने 8130 से अधिक कार्डियक ऑपरेशन कर मरीजों को नई जिंदगी दी। 19 वर्षों का चिकित्सकीय अनुभव इलाज के लिए आने वाले लोगों को मिल रहा। इनके नेतृत्व में विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ एडवांस कैथ लैब हर महीने सैकड़ों गरीब मरीजों नई जिंदगी दे रहा है।
2. हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. कृष्णकांत साहू ने 14 के विशेषज्ञ अनुभव के साथ अब तक 5000 से अधिक दिल व फेफड़ों की सर्जरी कर चुके हैं। अस्पताल में इनके नेतृत्व में कई तरह के दिल व फेफड़ों से जुड़ी सर्जरियां ना सिर्फ गरीब मरीजों की जान बचाई गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी एसीआइ को नई पहचान मिली।
3. हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जन डा. निशांत चंदेल हार्ट अब 4000 से अधिक हृदय, फेफड़ों से संबंधित जटिल सर्जरियां कर लोगों की जान बचाई है। इन्होंने कहा कम संसाधन के बीच चुनौतियां काफी है। मरीजों को 24 घंटे बेहतर सेवाएं रहे हैं।
4. कार्डियोलाजिस्ट डा. जोगेश विशनदसानी 16 वर्ष के अनुभव के साथ अब तक 3000 से आपरेशन कर लोगों की जान बचाई है। 16 वर्षों का विशेषज्ञ अनुभव गरीब मरीजों को मिल रहा है। डा. जोगेश ने कहा ठीक होने के बाद मरीजों की खुशी देख सुकून मिलता है।
इन सेवाओं से बना एसीआइ अग्रणी
चिकित्सकों ने बताया एसीआइ ने 2021 को देश के पहले कोरोनरी लेजर एंजियोप्लास्टी के उन्नत उपचार के साथ इतिहास रच कर एशिया के उन अग्रणी देशों में शुमार हो गया। जहां हृदय की कोरोनरी-आर्टरी बीमारी के उपचार के लिए कोरोनरी लेजर एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध है।
जटिल हृदय रोगों के इलाज थ्री डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (4 ईपीएस), ट्रांसफिमोरल एओर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन, लेफ्ट एट्रियल अपेंडेज क्लोजर, फिजियोलॉजिकल पेसिंग के लिए राज्य की सरकारी संस्थान में पहली एडवांस प्रक्रियाओं के लिए भी श्रेय दिया जाता है।
वहीं प्रदेश में सुपीरियर मेसेटिक बायपास, इंफ्रा रिनल एओटिक डाइसेक्सन, कैरोटिक बाडी ट्यूमर, पोस्टरियर मेडिस्टाइन ट्यूमर, थोरेसिक लाइगेसन सर्जरी, लंग्स वाल्यूम रिडक्सन सर्जरी, एओटी बाय फेमोरल बायपास जैसी हृदय की सर्जरियां राज्य में पहली बार एसीआइ में हुई है।
एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में बिस्तरों की स्थिति
44 कुल बिस्तर हैं वर्तमान में उपलब्ध
22 आईसीयू बिस्तर इसी के अंतर्गत
11-11 आईसीयू बिस्तर कार्डियोलॉजी व सर्जरी विभाग के पास
22 सामान्य बिस्तरों की संख्या
15 बिस्तरों का सामान्य वार्ड की सुविधा जल्द
कार्डियक सर्जरी विभाग पर नजर
20 से अधिक मरीज प्रतिदिन ओपीडी में
01 से 02 सर्जरी हर दिन
950 हार्ट व फेफड़ों से जुड़ी मेजर सर्जरियां 2017 से अब तक
150 स्टाफ की जरूरत
34 स्टाफ कार्यरत
कार्डियोलॉजी में विभाग पर नजर
100 लोगों की औसत ओपीडी हर रोज
8500 से अधिक हार्ट सर्जिकल प्रोसेस 2017 से अब तक
28 पद हैं स्वीकृत विभाग
27 पदों पर कार्यरत
11 पद हैं रिक्त
कार्डियोलॉजी में वर्षवार सर्जरी के आंकड़े
वर्ष – सर्जिकल प्रोसेस
2017 – 1306
2018 – 1477
2019 – 1238
2020 – 705
2021 सितंबर तक – 755