खैरखूंट सोसायटी धान खरीदी में 20 से 25 लाख बंदर-बांट होने की आशंका, सरपंच ने किया जांच कर कार्यवाही की मांग
तिल्दा। ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले खैरखूंट नवीन सोसायटी पं. क्र. 632 के सालाना जलसा(वार्षिक आमसभा) कार्यक्रम के आयोजन पर जनपद सदस्य रतनचंद निषाद एवं खैरखूंट सरपंच शिवकुमार हनुमंता ने सवाल खड़ा किया है एवं शीघ्र ही इस नवीन सोसायटी मे किये गये कार्यों की जांच कर उचित कार्यवाही की मांग किया है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल इसी वर्ष मोंहदा सोसायटी पं. क्र. 950 से अलग होकर खैरखूंट पं. क्र. 932 कि पुर्नगठन किया गया है जिसके अंर्तगत 4 गांव सुंगेरा, बलौदीखुर्द, सगुनी एवं खैरखूंट के लगभग 1432 किसान पंजीकृत हैं उक्त किसानों को 14 दिन पूर्व सूचित कर कुछ ऐजेंडों के आधार पर चर्चा किया जाता है और साल भर का लेखा जोखा दिया जाता है लेकिन यहां के प्रभारी समिति प्रबंधक श्रीचंद निर्मलकर ने चलाकी दिखाते हुये 8 सितंबर 2021 को जारी हुये सूचना को 22 सितंबर के वार्षिक आमसभा के 1 दिन पूर्व अर्थात 21 सितंबर मंगलवार को शाम 6 बजे मुनादी करने के लिये कोटवार को दिया गया।
अब आप सोच सकते है कोटवार रात मे मुनादी करेगा तो सुबह अचानक किसान क्या-क्या तैयारी करेंगे ? कुछ किसान गांव से बाहर भी गये हुये थे, अगर 14 दिन की जगह कम से कम 1 हफ्ते पहले भी सूचना मिला होता तो अपनी बातों को अच्छे से रखने के लिये किसानों को समय मिलता, लेकिन यहां तो किसी तरह आमसभा लगाकर खाना पूर्ति करना था, इसलिये माईक की व्यवस्था भी नही की गयी थी, ताकि प्रभारी समिति प्रबंध के बातो को ठीक से सुन न सके और कोई सवाल-जवाब न कर सके, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस वर्ष के धान खरीदी मे व्यापक अनियमितता बरती गयी है जिसे खैरखूंट सोसायटी के कर्मचारियों द्वारा छुपाने का प्रयास किया जा रहा है ।
वार्षिक आमसभा का क्या था एंजेंडा ?
* नवीन समिति के गठन एवं पंजीयन संबंधी जानकारी देना ।
* समिति के वार्षिक प्रतिवेदन 20-21 का पठन ।
* वर्ष 20-21 के अंकेक्षित वित्तीय पत्रकों का अवलोकन करना एवं स्वीकृति करने पर विचार।
* समिति के वर्ष 20-21 के लिये कार्ययोजना (विकास कार्यक्रम) का अवलोकन करना।
* समिति 20-21 के बजट अवलोकन एवं स्वीकृति ।
* वर्ष 21-22 के अंकेक्षण प्रस्ताव हेतु विचार ।
* अन्य विषय पर अध्यक्ष के अनुमति से विचार ।
सरपंच एवं जनपद को नही दी जानकारी
प्रभारी समिति प्रबंधक को अपने काले कारनामे का ईतना डर था कि उसने गांव के मुखिया सरपंच एवं जनपद सदस्य को भी आम सभा की जानकारी नही दी थी, वहीं बाद मे भी व्यक्तिगत रूप से जानकारी मांगी गयी तो आपका अधिकार नही है करके जानकारी देने से मना कर दिया, जबकि हर निर्माण कार्य एवं कमी को पूरा करने के लिये सरपंच से ही सहयोग लिया जाता है।
विधायक को देना पड़ा दखल
बलौदाबाजार विधायक प्रमोद कुमार शर्मा के द्वारा पत्र लिखकर आय व्यय की जानकारी मांगी तब जानकारी दिया जा रहा है। यह रवैया है यहां के कर्मचारियों का ।
अहंकारी है खैरखूंट के सभी कर्मचारी
सरपंच एंव जनपद सदस्य द्वारा उक्त गलती की शिकायत तरपोंगी ब्रांच मेनेजर एल. के. तिवारी से किया गया तो सभी कर्मचारियो ने गलती मानी, लेकिन लिखित माफी नामा देने से इंकार करते हुये खैरखूंट सोसायटी को छोड़कर भूल सोसायटी मोंहदा मे कार्य करने का आवेदन कर दिया, मतलब आप इन लोगों के अहंकार का अंदाजा यहीं से लगा सकते है, चोरी ऊपर से सीना जोरी वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
बिजली चोरी मे लगा जुर्माना
प्रभारी समिति प्रबंधक श्रीचंद निर्मलकर ने गलत मंशा से खाद गोदाम मे लगे मीटर को उखाड़कर धान खरीदी केंद्र मे लगा दिया था, मतलब सीधा-सीधा बिजली चोरी का मामला एवं मीटर उखाड़कर दूसरे जगह शिफ्ट का मामला अलग बनता है। बिजली विभाग ने मामला पंजीबध्द कर कार्यवाही के लिये डाल दिया है, लेकिन अभी तक न जुर्माना पटाये है और न ही बिल।
अब सवाल उठता है जब टी.सी कनेक्शन का बिल समिति से पटता है तो फिर बिजली चोरी करने की क्या जरूरत थी, अगर नही पकडे़ जाते तो बिजली कनेक्शन का पैसा जेब में और पकड़े गये तो समिति का नुकसान, ऐसे लोगों के वेतन से जो भी समिति को नुकसान हुआ है उसका भरपायी करना चाहिये।
तुरंत पदभार से मुक्त कर नये कर्मचारी नियुक्ति की मांग
उक्त हरकतो को देखकर सरपंच एवं जनपद सदस्य ने तुरंत प्रभारी समिति प्रबंधक श्रीचंद निर्मलकर, कम्प्युटर आपरेटर कुपेश्वर वर्मा एवं सेल्समेन लखन लाल साहू को हटाकर नये कर्मचारी नियुक्ति एवं इस वर्ष धान खरीदी की आय व्यय की जांच कर दोषियों के ऊपर शीघ्र कार्यवाही की मांग ब्रांच मैनेजर सहित समस्त अधिकारियों से किया है ताकि किसानो की गाढ़ी कमाई को ऐसे गैर जिम्मेदार लोग बंदर बांट न कर सकें।