छत्तीसगढ़ में 40 फीसद केस को नहीं मान रहे कोविड डेथ
रायपुर। कोरोना से मरने वालों के स्वजनाें को शासन द्वारा 50,000 मुआवजा मिलने की घोषणा के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की पहचान में जुट गया है। इसका लाभ लेने उन पीड़ित परिवारों के लिए मुश्किलें आ रही है, जिनके यहां किसी व्यक्ति की मौत के बाद अस्पताल या स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के बाद भी अन्य बीमारियां होने, संक्रमण के बाद बिना जांच के ही मौत होने, इलाज के दौरान कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मौत होने की स्थिति में उन्हें कोरोना से मौत की श्रेणी में नहीं माना है।
राज्य डेथ आडिट समिति के एक सदस्य ने कहा कि राज्य में कोरोना से कुल मौत में ऐसे 40 फीसद केस हैं, जो एक बड़ी संख्या है। वहीं यह भी कहा गया कि पहले लगातार कोरोना से मौत के बीच बड़े सरकारी अस्पतालों द्वारा परफार्मेंस खराब होने जैसी बातों को लेकर भी कोरोना संक्रमितों में अन्य बीमारियां होने या स्वस्थ होने के बाद मौत पर उन्हें कोरोना मौत नहीं माना था।
जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि अकेले राजधानी में लगभग 500 तक कोरोना से मौत के मामलों में प्रमाण पत्र नहीं हैं। अधिकांश लोगों ने इसे लेकर शिकायत भी की है। अब ऐसे पीड़ितों को न्याय दिलाना विभाग के लिए भी चुनौती होगी।
30 दिन के भीतर मौत पर मुआवजा
केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के 30 दिन के भीतर यदि व्यक्ति की मौत हुई होगी। तो उसे कोरोना से मौत माना जाएगा। इसमें आत्महत्या, एक्सीडेंट जैसे केस को बाहर रखे गए हैं। यानी कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद भी जांच के 30 दिनों के भीतर मौत हुई, तो वह कोविड मौत ही कहलाएगी।
प्रमाण पत्र नहीं है तो क्या करें
कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट का पत्र नहीं होने होने की स्थिति में मरीज के इलाजरत डॉक्टर के जारी पत्र मान्य होंगे। यदि व्यक्ति घर पर या अस्पताल लाने ले जाने, बिस्तर ना मिलने की वजह से मौत हुआ है। इसकी जांच जिला स्तर पर गठित विशेषज्ञों की समिति करेगी और स्वीकृति देने का अधिकार इन्हें होगा।
आवेदन के लिए क्या करें
सीएमएचओ डा. मीरा बघेल ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट की आवश्यकता होगी। जांच रिपोर्ट ना होने पर मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र व आधार कार्ड जरूरी है। दस्तावेज लेकर सुबह 11 से शाम पांच बजे तक जिला स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
पीड़ित लोगों की व्यवस्था
केस-1 :गुढ़ियारी निवासी निर्मला शर्मा (62) कोविड के लक्षण थे। राम नगर स्वास्थ्य केंद्र में 10 अक्टूबर को जांच कराया। चिकित्सकों ने पॉजिटिव बताकर होम आइसोलेशन में भेजा। 11 को घर पर मौत हुई। कोविड नियमों के तहत अंतिम संस्कार हुआ। पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं दी गई।
केस-2 : अशित बेरा रायपुर निवासी (60) व इनके भाई मिलन बेरा (63) संक्रमित होने के बाद लाइफ वर्थ में टेस्ट कराया पॉजिटिव आने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई है। अशित बेरा का कोविड से मौत नहीं माना गया है।
आंकड़ों पर एक नजर
13566 मौत के आंकड़े राज्यभर के
3139 मौत रायपुर जिले में
1797 मौत के साथ दुर्ग दूसरा जिला जहां सर्वाधिक मृत्यु
1204 मौत बिलासपुर में, प्रदेश में तीसरे नंबर पर
गाइडलाइन के तहत प्रत्येक पीड़ितों को मुआवजे का लाभ मिलेगा। जिनकी मौत कोरोना से हुई है, व परिवार के पास साक्ष्य के दस्तावेज नहीं हैं। आवेदन पर जिला स्तरीय समिति जांच कर ऐसे पीड़ितों को भी स्वीकृति प्रदान करेगी