बैहार में योग्य सचिव के आभाव में, हो रहीं हैं विकास कार्य सहित विभिन्न गतिविधियां बाधित
आरंग। बैहार पंचायत में हो रही सचिव नियुक्ति की देरी की वजह से ग्रामवासियों के समक्ष संकट खड़े हो गए हैं। सचिव के न होने से पंचायत निष्क्रिय सी हो गई है। जिससे ग्राम स्तर पर विकास कार्य बाधित हो रहीं है।
नतीजन गांव में छोटी मोटी समस्याओं तक का भी निराकरण नहीं हो रहा है। सचिव की नियुक्ति उच्च अधिकारियों के जिम्मे है, लेकिन अधिकारियों द्वारा पंचायत के समस्या का समाधान कराने को कतई गंभीर दिखाई नहीं दे रहें है। यहां तक कि बार बार अवगत कराने के बावजूद कोई हल नहीं कर रहें है।
ज्ञात हो कि 24 अप्रैल 2021 को इस पंचायत को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय द्वारा दीनदयाल पंचायत सशक्तिकरण एवं ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार से नवाजा गया है|
साथ ही ग्राम पंचायत बैहार में राज्य शासन के महत्वकांक्षी सुराजी योजना नरवा गरवा घुरुवा बाड़ी के तहत गौठान कार्य संचालित है जिसके तहत 19 जून 2020 को क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री माननीय डॉ शिव कुमार डहरिया द्वारा रोका छेका अंतर्गत जनपद स्तरीय कार्यक्रम संचालित किया साथ ही 20 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा गोधन न्याय योजना का हरेली पर्व में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, इसके बावजूद इसके विगत दो माह से एक योग्य सचिव के लिये तरस रही हैं ग्राम पंचायत बैहार
जिसकी सूचना अभी वर्तमान में हुये सरपंच संघ के मीटिंग के दौरान पंचायतों में हो रहें विभिन्न समस्याओं को प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष गोपाल धीवर सहित संघ के पदाधिकारियों को दी गई।
संघ की ओर से इसकी चर्चा पंचायत मंत्री टी. एस. सिंहदेव,एवं क्षेत्रीय विधायक केबिनेट मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया जी की बात कही
सरपंच ग्राम पंचायत का वह संवेदनशील विशिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता होता है, जिसके अथक मेहनत से,ग्राम पंचायत की समस्त सर्वांगीण विकास,जैसे अधोसंरचना, इन्फ्रास्ट्रक्चर, गरीबी उन्मूलन, रोजगार मूलक,शिक्षा, साहित्य,स्वास्थ्य, स्वच्छता सामाजिक समरसता संस्कृति आदि सम्पन्न होता है।और सामाजिक उत्तरदायित्वों एवं प्रयोजनो का निर्वहन करते करते सरपंच स्वयं आर्थिक संकट में आ जाता है।
समाज को ऊपर उठाने की सपना लेकर निकलने वाला ग्राम का प्रथम नागरिक पुरी तरह समाज की बोझ में दब जाता है। और उपर से,असमाजिक तत्वों एवं षड़यंत्रकारी सियासत खोरों से प्रेरित होकर पंचगण बिना सोचे समझे लालच में आकर अविश्वास प्रस्ताव लगाकर उनकी अग्नि परीक्षा लेते है, इस स्थिति में सरपंचों का ग्राम विकास की कल्पना करना भी मुश्किल है।