छत्तीसगढ़

राजधानी में दो विभागों के बीच फंसी बापू की कुटिया, एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा

रायपुर। समाज कल्याण विभाग और नगर निगम रायपुर के अफसरों की लापरवाही के बीच बुजुर्गों के लिए बनाई गई बापू की कुटिया फंस गई है। स्मार्ट सिटी के तहत राजधानी के विभिन्न गार्डनों में बापू की कुटिया का निर्माण कराया गया है और अभी तक बापू की कुटिया का संचालन भी नहीं शुरू हो पाया है। जिस समाज कल्याण विभाग ने इस योजना की शुरुआत की थी उसने ही इस योजना को उपेक्षित कर दिया।

समाज कल्याण विभाग ने बापू की कुटिया नगर निगम प्रशासन के हवाले कर दिया और अब बापू की कुटिया का रखरखाव नहीं होने से यहां बुजुर्गों को सुविधा मिलने की बजाय धूल और गंदगी ने जगह ले ली है। दूसरी ओर नगर निगम प्रशासन के पास जानकारी ही नहीं है कि राजधानी में संचालित करने के लिए कितनी समिति गठित की है।

समाज कल्याण विभाग ने की खानापूर्ति

जबकि समाज कल्याण विभाग का कहना है कि बापू की कुटिया का निर्माण का फंड विभाग ने जारी किया है। इसके निर्माण एजेंसी के रूप में रायपुर स्मार्ट सिटी ने किया। वहीं जब संचालन की बात आई तो नगर निगम के हवाले कर दिया। उल्लेखनीय है कि राजधानी के विभिन्न गार्डनों में 22 जगह पर बापू की कुटिया का निर्माण किया गया है। बता दें कि यह योजना तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2018 में शुरू की थी। योजना के अंतर्गत राजधानी में 50 बापू की कुटिया का निर्माण करवाया था, लेकिन समाज विभाग ने केवल 22 जगह पर बनवाकर सिर्फ खानापूर्ति कर ली।

बुजुर्गों को तमाम तरह की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में सियान सदन (बहु सेवा केंद्र) बनाई गई है। राज्य सरकार ने प्रत्येक बहु सेवा केंद्र में हर साल दो लाख रुपये से अधिक खर्च होने की बात पर पिछले साल इसको बंद कर दी। जानकारी के अनुसार राज्यभर में 97 बहु सेवा केंद्र बनाई है। वहीं इसके सियान सदन बंद होने के बाद बुजुर्गों को उम्मीद थी कि बापू की कुटिया का द्वार खुल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

यह कहते हैं लोग

बापू की कुटिया को रखरखाव करने की जिम्मेदारी प्रशासन को लेनी चाहिए। इस वक्त बुजुर्गों की सुविधाएं बढ़ाने में राज्य सरकार को कुछ निर्णय की आवश्यकता है।

– शेषा सक्सेना, अवंति विहार

समाज कल्याण बापू की कुटिया का बनाकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता है। उसको संचालित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

– राजकुमार शुक्ला, राजीव नगर

सियान सदन को ज्यादा खर्च बताकर बंद करना गलत है। इसके बाद बुजुर्गों को उम्मीद थी बापू की कुटिया बेहतर ढंग से संचालित होगा, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो सका।

– किरण शर्मा , उपाध्याय नगर

बापू की कुटिया को संचालन के लिए समाज कल्याण विभाग या नगर निगम प्रशासन को जल्द निर्णय लेना चाहिए। सिर्फ बनाकर वाहवाही लुटाने से काम नहीं चलेगा।

– सुभाष वर्मा, चौबे कालोनी

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सियान सदन और बापू की कुटिया उनके मनोरंजन और विश्राम के लिए बनाई गई है। सरकार सियान सदन को बंद कर दी। अब प्रशासन को बापू की कुटिया को संचालन करने की जवाबदारी लेनी चाहिए।

– शीलू गांगुली पटनायक, विशाल नगर

राजधानी में बापू की कुटिया संचालित करने के लिए समाज कल्याण विभाग ने दिया था, जल्द ही समिति गठित की जाएगी।

– लोकेश्वर साहू, अपर आयुक्त, नगर निगम

अभी तक बापू की कुटिया को संचालित करने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की है।

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