छत्तीसगढ़

धर्म से चलेगी राजनीति, छत्तीसगढ़ में नहीं होने देंगे तुष्टिकरण

बिलासपुर। कवर्धा की घटना की मंगलवार को जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर के बाहर पुलिस की तगड़ी नाकेबंदी के बीच परिसर में आयोजित सभा को विहिप व संघ के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। खचाखच भरी भीड़ को संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने दोटूक कहा कि छत्तीसगढ़ में तुष्टिकरण की राजनीति चलने नहीं देंगे और यहां के निवासी ऐसा करने की इजाजत भी नहीं देंगे। नेताओं ने कहा कि धर्म से राजनीति चलेगी। राजनीति से धर्म चलने नहीं देंगे।

छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर मंगलवार को सियासी हलचलों का केंद्र बना रहा। सुबह 11 बजे से आरएसएस के साथ ही अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में आक्रोश के साथ ही जोश भी दिखाई दे रहा था। परिसर में इकठ्ठी हो रही भीड़ के बीच संघ व विहिप के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के बीच संतुलित और नपे तुले शब्दों के साथ चर्चा कर रहे थे।

जिला प्रशासन की गंभीरता और आशंका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के स्कूल परिसर पहुंचने से पहले से ही छत्तीसगढ़ स्कूल की तरफ पहुंचने वाले सारे रास्ते को टिन की दीवारों से बंद कर दिया था। बेरीकेड कर दी गई थी। हर चौक-चौराहे पर पुलिस की तगड़ी तैनाती और नाकेबंदी की गई थी।

स्कूल परिसर के भीतर और बाहर दो तरह का दृश्य नजर आया। भीतर कार्यकर्ताओं की खचाखच भीड़ और बाहर पुलिस की तगड़ी घेराबंदी। भीतर संघ और विहिप के नेता राज्य सरकार को आड़ेहाथों लेते हुए गरज रहे थे और बाहर पुलिस इसलिए चौकन्ना नजर आ रही थी कि भीड़ उनकी व्यवस्था और नाकेबंदी को तोड़े न।

सरकार को दी चेतावनी

सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस व विहिप के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से दोटूक कहा कि निर्दोष लोगों की जेल से जल्द रिहाई हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आज हमने प्रशासन के अनुरोध पर अपने लोगों से आग्रह कर सभा कर ली। अगर रिहाई नहीं हुई तो रोकटोक और बिना अनुमति के फिर हम सड़क पर उतरेंगे।

तब इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इनका कहना था कि कवर्धा की घटना से हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है। राज्य सरकार ने जानबूझकर मामले को ढिल दिया और स्थिति नियंत्रित करने के बजाय बिगड़ने दिया। तुष्टिकरण की ऐसी राजनीति छत्तीसगढ़ में करने की इजाजत नहीं देंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, मातृ शक्ति, दुर्गा वाहिनी, विद्याभारती, विद्यार्थी परिषद किसान संघ, संस्कार भारती, धर्म जागरण, हिन्दू जागरण मंच व भाजपा के पदाधिकारी, दिग्गज नेता व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।

रैली की नहीं मिली अनुमति

नागरिक सुरक्षा मंच व सर्व हिन्दू समाज के बैनर तले छत्तीसगढ़ स्कूल से रैली निकालने की अनुमति जिला व पुलिस प्रशासन ने नहीं दी है। आयोजक छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर के भीतर सभा कर सकेंगे। पुलिस की तैनाती के बीच संघ व अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला अभी शुरू नहीं हुआ है। स्कूल के आसपास भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

स्कूल पहुंचने वाले सभी मार्ग को बंद कर दिया गया है। सभा के दौरान विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ ललित, प्रांत महामंत्री विहिप संदीप गुप्ता, विहिप के जिलाध्यक्ष सौमित्र गुप्ता, संघ के सह विभाग संघचालक डॉ. विनोद तिवारी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरुण साव, प्रदीप देशपांडे, प्रदीप शर्मा, दिलीप शर्मा, प्रफुल्ल शर्मा, विधायक रजनीश सिंह, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र दुबे, महिला विंग की अध्यक्ष चांदनी भारद्वाज सहित बड़ी संघ में अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।

ज्ञापन लेने एसडीएम पहुंचे स्कूल परिसर

सभा समाप्ति के तुरंत बाद बिलासपुर एसडीएम पुलिस अधिकारियों के साथ स्कूल परिसर पहुंचे। वहां संघ व विहिप के पदाधिकारियों से राज्यपाल व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन लिया। संघ व विहिप के पदाधिकारियों को एसडीएम से आश्वस्त किया कि उचित माध्यम से उनकी बात व ज्ञापन राष्ट्रपति व राज्यपाल भवन पहुंचाया जाएगा।

सर्व हिंदू समाज को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी गई। स्कूल परिसर में सभा कर सकेंगे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

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