केवल अरवा चावल लेने की सहमति से छत्तीसगढ़ की बढ़ी मुश्किल
रायपुर। केंद्र सरकार ने इस वर्ष राज्य से रिकार्ड 61 लाख टन से ज्यादा चावल लेने की सहमति दी है। इसके बावजूद इस बार भी राज्य सरकार के सामने चावल देने को लेकर संकट खड़ा हो गया है। वजह यह है कि केंद्र सरकार केवल अरवा चावल लेने को राजी हुई है, जबकि अब तक अरवा और उसना दोनों चावल केंद्र सरकार लेती रही है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से केंद्र को पत्र लिखकर उसना चावल लेने का भी आग्रह किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि पिछले साल भी केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चावल लेने की सहमति दी थी, लेकिन 24 लाख टन ही लिया। इस बार 61 लाख टन की अनुमति दी है, लेकिन यह पूरा अरवा चावल ही लेगी। केंद्र सरकार यदि उसना चावल नहीं लेगी तो राज्य सरकार को परेशानी होगी। इस संबंध में हम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे।
केंद्र के इस फैसले से 600 उसना मिल बंद हो जाएंगे
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राज्य से केवल अरवा चावल लिए जाने के फैसले को राज्य के किसानों और राइस मिलरों के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की इस रोक से राज्य के 600 से अधिक उसना मिलें बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने इस वर्ष उसना चावल लेने मना किया है, यह मोदी सरकार व भाजपा के किसान विरोधी नीति को उजागर करता है।