छत्तीसगढ़

दशहरा उत्सव एवं पुतला दहन हेतु जिला प्रशासन नें जारी किये दिशा – निर्देश, 50 से अधिक लोग नहीं हो सकेंगे शामिल

महासमुंद। जिला प्रशासन ने दशहरा उत्सव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी के अनुमोदन के बाद अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी ने 15 अक्टूबर को होने वाले दशहरा उत्सव और पुतला दहन के संबंध में 19 बिंदुओं के दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण और बचाव के लिए ज़िले में विभिन्न स्थानों में निर्धारित निर्देशों का पालन करने पर ही त्योहार मनाने की अनुमति होगी।

जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि पुतला दहन खुले स्थान पर किया जाए।पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी स्थिति में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होंगे, आयोजक एक रजिस्टर संधारित करेंगे व पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा,ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। पुतला दहन में कही भी सांस्कृतिक कार्यक्रम,भंडारा और पंडाल लगानेकी अनुमति नही है ।

प्रत्येक समिति एवं आयोजक समय पूर्व सोशल मीडिया में यह जानकारी देवें कि कोविड 19 कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से किया जाएगा। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक दूरी, मास्क लगाना तथा समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। पुतला दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यतः बेरिकेटिंग कराया जाए।

आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे, धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हेंडवाश व क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति व आयोजकों की होगी।

कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्नि शमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यतः किया जाना होगा। आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन किया जावे। किसी प्रकार का यातायात बाधित न हो यह सुनिश्चित किया जावे। आयोजन के दौरान एनजीटी व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना होगा। नियमों के उल्लंघन करने पर समिति, आयोजक जिम्मेदार होगें।

यदि कोई व्यक्ति जो पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन आयोजकों या समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के पश्चात् उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जाएगा व कंटेनमेंट जोन के समस्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।

आयोजन के दौरान किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नही किया जाएगा । इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। उपरोक्त दिए गए निर्देशों में किसी शर्तो का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार के अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी, जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील हो गया है। निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट व विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button