उत्तर प्रदेश की हर विधानसभा में होंगे पर्यवेक्षक,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल को करेंगे रिपोर्ट
रायपुर। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फार्मूले पर चुनाव अभियान तैयार करने जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की तर्ज पर प्रचार की योजना बनाई जा रही है। इसे लेकर पिछले दिनों लखनऊ के दौरे पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कौल हाउस में करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बैठक में यह तय किया गया कि सभी विधानसभा क्षेत्र में बाहरी राज्यों के एक पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जिनकी रिपोर्टिंग सीधे मुख्यमंत्री बघेल को होगी। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 403 विधानसभा में पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे, जो तीन महीने तक विधानसभा का जिम्मा संभालेंगे।
केंद्र की राजनीति में मुख्यमंत्री बघेल की बढ़ती दखल का अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जो सात वचन तैयार किए हैं, उसकी सलाह मुख्यमंत्री बघेल ने दी है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस सात वचन के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। इसमें किसानों से धान की खरीदी 2500 रुपये क्विंटल, बिजली बिल हाफ जैसे वचन को शामिल किया जाएगा। हर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव अभियान के संचालन के लिए अलग-अलग वार रूम बनाया जाएगा।
इसमें चुनाव प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अगले एक महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने लखनऊ से लौटने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार से वहां के नौजवान, किसान, महिलाएं, अनुसूचित जाति, व्यापारी समेत सभी वर्ग नाराज है। प्रारंभिक रूप से जो देखने को मिला इससे योगी सरकार का जाना तय है। उत्तर प्रदेश में किसान और महिलाएं त्रस्त दिख रही हैं।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रतिज्ञा रैली निकालेगी। हर संभाग में यह रैली आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रियंका गांधी वाड्रा से हुई बैठक को लेकर कहा कि जनता के बीच जिन मुद्दों को लेकर जाना है, उस पर चर्चा हुई। कांग्रेस की ओर से जो यात्रा निकाली जानी है, उसे लेकर चर्चा की गई है। जनता के बीच कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के किए कार्यों की जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से लोग हताश हैं और भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है।