छत्तीसगढ़ में मतांतरित ग्रामीण के शव दफन से उठने लगे विरोध के स्वर
कोंडागांव। जिला अंतर्गत ग्राम जैतपुरी निवासी मतांतरिक परिवार को पिता की मौत के पश्चात शव दफन करने के बाद ग्रामीणों की विरोध का सामना करना पड़ रहा, जैतपुरी निवासी मंगलदास 65 की सोमवार को निधन हुई। मौत के पश्चात परिजनों ने विरोध के भय से मृतक के शव को अपने खेत में दफना दिया। शव दफन करने के बाद दूसरे दिन गांव में विरोध के स्वर उठने लगे।
मंगलवार को मृतक के घर में गांव के सभी ग्रामीण एकत्रित हुए और दफनाए हुए शव को अन्य जगह ले जाकर दफनाने की बात कहने लगे, शव दफनाने को लेकर उत्पन्न विवाद के मद्देनजर पुलिस व राजस्व अमला गांव में पहुंच परिजनों व ग्रामीणों को समझाइश देते स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा है। पुत्री शांति कुलदीप के मुताबिक मेरे पिताजी की सोमवार 3:30 बजे मौत हुई।
गांव वाले पहले कुछ नहीं बोले। शव को हमारे खेत में दफनाने के बाद अभी शव को निकालने के लिए कह रहे हैं। हम नहीं निकालना चाहते। पुत्र अजय कुलदीप के मुताबिक पिताजी की सोमवार को मौत के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे हमारे जमीन में शव को दफनाया था। हमने गांव वालों को बताया पिताजी चर्च नहीं जा रहे हैं हम लोग जा रहे हैं। मगर, आज सब लोग शव को निकालने के लिए कह रहे हैं।
पिताजी के दफनाए शव को अभी मैं नहीं निकाल पाऊंगा, यदि निकालना चाहते हैं तो निकाल कर स्थाई जगह पर रखें। मैं नहीं निकाल सकता। ग्राम पटेल सत्तू राम के मुताबिक परिवार ने ग्रामीणों को बिना पूछे अपने ही खेत में मृतक के शव को दफनाया है। पहले भी गांव में बैठक कर समझाइश भी दिया गया था, वे दूसरे धर्म में गए हैं।
इसीलिए गांव वालों का कहना है। घनश्याम शार्दुल वार्ड पंच के मुताबिक अभी पीड़ित परिवार मृतक के शव को खेत में दफनाया है। ग्रामीणों के साथ बैठक में शव दफनाने की जगह निर्धारित नहीं हुई थी। इस मामले में सिद्धार्थ तिवारी पुलिस अधीक्षक कोंडागांव ने बताया कि एक गांव में आपसी विवाद का मामला सामने आया था। पुलिस व प्रशासन की टीम गांव में पहुंची, गांव में अब शांति है।