छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति ने शराबबंदी की छेड़ी मुहिम जिसका हो रहा है गाँव-गाँव मे असर

तिल्दा। छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष हुलास साहू ने कहा कि पिछले 4 माह पहले 11जुन 2021के शराब की वजह से महासमुंद बेमचा गाँव के माँ और 5 बेटियों सहित रेल्वें ट्रेक पर सामूहिक हृदय विदारक झकझोर देने वाली आत्महत्या के घटना से सबक लेते हुए ऐसी और दूसरी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसलिए छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति ने अवैध शराबबंदी और छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी लागू कराने पंचायत स्तर पर मुहिम छेड़ा था।

जिसका अब गांव-गांव में असर नजर आ रहा है, अब तक के खबरों से छत्तीसगढ़ के गांवों में जैसे रायपुर जिला से ग्राम परसकोल, गुजरा, मुनगी, धमतरी जिला के भखरा ब्लाक के वेण्डरवानी, बालोद से पसोद और दशरगपुर जैसे दर्जनों गाँवों में पंचायत समिति और जनता अपने-अपने स्तर पर शराबबंदी के लिए पहल करना प्रारंभ कर दिये हैं।

साहू ने कहा कि खबरों से आज कल गाँवों में चावल के बदले आसानी शराब उपलब्ध हो रही है, जिसके कारण महिलाएं एवं बच्चे बहुत ही परेशानियों में जीने को मजबूर है तथा दिन प्रति दिन छेड़खानी, आत्महत्या, बलात्कार, हत्या, चोरी, डकैती की घटनाएं बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ के गाँवों में बच्चे, जवान नशे के गिरफ्त में समाते जा रहे है।

 

जिसके कारण छत्तीसगढ़ के महिलाएं और बहू, बेटी ज्यादा प्रभावित हो रही है। लाखों माता-पिता नशेड़ी बेटों से, लाखों बेटे-बेटियां नशेड़ी पिता से और लाखों बहन-बेटियां नशेड़ी पति से परेशान हैं। सरकार और विपक्ष से मांग करते है कि विशेष विधानसभा की बैठक कर जल्द ही शराबबंदी की कानून बनाकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करे।

छत्तीसगढ़ ग्राम विकास संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव धर्मेन्द्र बैरागी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गाँवों में महिला समूह का गठन हुआ है, कई जगहों पर महिला समूहों के द्वारा अपने स्तर अवैध शराबबंदी करने में सफलता भी पाई है, नारी शक्ति के बिना कोई भी कार्य में पूर्ण रूप सफलता मिलना मुश्किल है।

 

इसलिए नारी शक्ति से सादर निवेदन है कि उक्त जागरूकता अभियान में शामिल होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें साथ ही छत्तीसगढ़ वासियों से अपील है कि सभी पहल करते हुए शराबबंदी अभियान को सफल बनायें तथा सरकार, विपक्ष, अधिकारी, धार्मिक-सामाजिक संगठनों और समाज प्रमुखों को शराबबंदी के लिए टालमटोल की राह को छोड़कर गंभीरता से लेते हुए अतिशीघ्र पूर्ण शराबबंदी की ओर कदम उठाने की अपील है।

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