छत्तीसगढ़

राजधानी के खाली पड़ी 60 एकड़ शासकीय जमीन पर रोपे जा रहे औषधीय पौधे

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ग्राम पंचायतों में खाली पड़ी शासकीय जमीन पर महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत 60 एकड़ में औषधीय पौधे लगाने का काम शुरू हो गया है। रायपुर जिले के 12 पंचायत अब औषधीय पौधों से गुलजार होंगे।

लेमन ग्रास, अश्वगंधा, मिंट, एलोवेरा आदि पौधों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लगाए जाएंगे। क्योंकि ये पौधे स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम होते हुए भरपूर मात्रा में आक्सीजन प्रदान करते हैं। औषधीय पौधे लगाने एवं देखरेख का काम स्व. सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा गया है। जिला पंचायत के अधिकारी ने बताया कि अभनपुर ब्लाक के टेकारी में पौधरोपण का काम शुरू कर दिया गया है।

ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण की वजह से औषधीय पौधों की मांग बढ़ी है। औषधीय पौधे से लोग अपनी बालकनी से लेकर घर की खाली पड़ी जमीन में लगा रहे हैं। इसलिए शासन ने निर्णय लिया है कि जिले में खाली पड़ी जमीन पर औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला पंचायत ने अभनपुर ब्लाक स्थित टेकारी में 10 एकड़ भूमि में लेमनग्रास, ग्राम पंचायत आमदी में 05 एकड़ भूमि पर मुनगा के साथ अश्वगंधा रोपण कार्य किया जा रहा है।

तिल्दा ब्लाक के ओटगन में 15 एकड़ में वृक्षारोपण के साथ इंटर क्रापिंग कर औषधीय पौधों का रोपण किया जा रहा है। विकास खंड आरंग स्थित सोनपैरी में 05 एकड़, पचेड़ा में 05 एकड़, छटेरा में 05 एकड़, धरसींवा ब्लाक के तरेंगा में 05 एकड़ में जमीन तैयार कर औषधीय पौधे लगाने की तैयारी की जा रही है।

जिला पंचायत के अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त छछान पैरी के 18 एकड़ में औषधीय पौधे की जगह एलोवेरा, मुनगा, लेमनग्रास आदि का बीज लगाया जाएगा। इसमें एक दो-दो एकड़ में एक प्रजाति के बीज लगाए जाएंगे। पौधे की देखभाल का जिम्मा महिला स्व. सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया है।
स्व. सहायता समूह की महिलाएं पौधे तैयार कर उसके प्रोडक्ट को बाहर बेंच सकेंगी। इसके एक तरफ महिला समूहों को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

गिलोय : यह पौधा एक शामक औषधि है जिसका ठीक तरह से प्रयोग करने पर कफ, खांसी, पित्त,से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिलता है। गिलोय के इस्तेमाल करने से इम्युनिटी पावर ठीक होता है।

एलोवेरा : यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जो इयुनिटी पावर को ठीक करने के साथ -साथ लड शुगर, एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। एलोवेरा में विटामिन ए व सी और ई काफी मात्रा में पाए जाते हैं। एलोवेरा रक्त का संचार बढ़ाने में भी सहायक होता है।

परिजात : यह बहुत ही उत्तम औषधि है इसका इस्तेमाल करने से बुखार, पाचनतंत्र, लिवर सबंधित बीमारियों से निजात मिलता है। परिजात का पौधा खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके छाल के चूर्ण से खांसी में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
तुलसी : तुलसी की हरी पत्तियों का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जुकाम, सिर दर्द जैसी कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। खांसी जुकाम होने पर तुलसी के पत्ते के साथ अदरक और काली मिर्च से तैयार की हुई चाय पीने से शीघ्र लाभ मिलता है।

खाली पड़ी जमीन पर पौधे लगाए जा रहे पौधे
रायपुर जिले मे कुल 60 एकड़ में औषधीय पौधे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। शासकीय खाली पड़ी जमीन पर पौधे लगाए जा रहे हैं। इन जगहों पर ऐसे पौधे लगाए जा रहें, जो चार माह में तैयार हो जाएंगे।

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