प्रदेश के विधानसभा की 40 सीटों पर महिला उम्मीदवार को टिकट देने की घोषणा, प्रियंका गांधी के फैसले पर भूपेश बघेल की मुहर…
रायपुर। उत्तर प्रदेश चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरने की तैयारी कर रही कांग्रेस ने विधानसभा की 40 सीटों पर महिला उम्मीदवार को टिकट देने की घोषणा कर दी है। पार्टी इसे महिला सशक्तीकरण की कोशिश के तौर पर प्रचारित कर रही है। इस घोषणा के साथ UP चुनाव के इस फॉर्मूले की आहट 2023 में प्रस्तावित छत्तीसगढ़ चुनाव में भी महसूस की जाने लगी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- “उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी जी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ओर से 40% टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय ऐतिहासिक है। यह राजनीति को नई दिशा, महिलाओं को आत्मबल देगा। अब उत्तर प्रदेश की महिलाएं डरेंगी नहीं, बल्कि मजबूती से कहेंगी कि लड़की हूं लड़ सकती हूं।’ कांग्रेस नेताओं का कहना है, अगर वह फॉर्मूला यहां लागू किया जाए तो 36 सीटों पर महिला उम्मीदवार उतरेंगी। किसी एक विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख दलों को मिलाकर भी इतनी महिला उम्मीदवार पहले कभी भी नहीं उतरी होंगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटों के लिए चुनाव होता है। 40 प्रतिशत सीटों के हिसाब से वहां कांग्रेस 161 महिला प्रत्याशियों को टिकट देने जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं। यहां 36 सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारना पड़ेगा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, इस फॉर्मूले की सफलता का परीक्षण भी उत्तर प्रदेश चुनाव में होगा।
अगर महिला उम्मीदवार मजबूत नजर आईं तो पार्टी इसे अन्य राज्यों में लागू करेगी, नहीं तो फिर समीक्षा होगी। 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 12 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था। इसमें 10 महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची। केवल दंतेवाड़ा से देवती कर्मा और राजनांदगांव से करुणा शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा। बाद में हुए उपचुनाव में देवती कर्मा भी विधायक बन गईं। यानी कांग्रेस ने 12% से अधिक महिलाओं को टिकट दिया।
इन प्रत्याशियों की जीत की दर 83 प्रतिशत से अधिक रही। भाजपा ने पिछले चुनाव में 14 महिला उम्मीदवार उतारा था। इनमें से केवल एक को जीत मिली। बसपा से पांच और जकांछ ने तीन उम्मीदवार उतारे थे। छत्तीसगढ़ की पांचवी विधानसभा में केवल 14 महिला विधायक हैं। इनमें 12 सत्ताधारी कांग्रेस की ही हैं। एक-एक विधायक भाजपा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बहुजन समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
अभी अम्बिका सिंहदेव, उत्तरी जांगड़े, रेणु जोगी, रश्मि सिंह, इंदू बंजारे, शकुंतला साहू, अनिता शर्मा, लक्ष्मी ध्रुव, रंजना साहू, अनिला भेंडिया, ममता चंद्राकर, छन्नी साहू और देवती कर्मा विधानसभा में महिला विधायक हैं। अभिवाजित मध्यप्रदेश के जमाने से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ क्षेत्र से कुल 198 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाई हैं। 1957 के बाद से अब 2018 तक कुल 1 हजार 152 से अधिक महिलाएं विधानसभा चुनाव लड़ी हैं।
2018 के चुनाव में ही 115 से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं। एक बार में सबसे अधिक महिलाओं ने 1998 के चुनाव में ताल ठोंकी थी। उस बार 181 महिलाएं मैदान में उतरीं और 26 विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहीं। बहरहाल, यूपी चुनाव के नतीजे से यह भी साफ हो जाएगा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में इसे लेकर क्या रूख अपना रही है।