छत्तीसगढ़

राजधानी में छठ पूजा के दिन इन बातों का रखे ध्यान, नही तो उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान..

रायपुर । छठ पूजा उत्तर भारत, खासकर बिहार का सबसे खास त्योहार है। छठ पूजा मनाने वाले लोग जहां भी रहते हैं, इस विशेष त्योहार को हमेशा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं। छठ पूजा परिवार के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखी जाती है। छठ पूजा चार दिनों तक चलती है।

इस व्रत को करने की कुछ विधियाँ अत्यंत कठिन मानी जाती हैं। इस व्रत को पूरा करने के लिए कुछ कड़े नियम-कायदे हैं, जिन्हें अभिभावक में नहीं भूलना चाहिए, अगर ऐसा होता है, तो माता छठे से नाराज हो सकती हैं। छठ पूजा दिवाली के छठे दिन यानी हिंदू कैलेंडर (विक्रम संवत) के कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस बार छठ पूजा 10 नवंबर 2021 को मनाई जाएगी। यह बिहार का सबसे कठिन पर्व है, आइए जानते हैं छठ पूजा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम।

इन बातों का रखे ध्यान

छठ पर्व के दौरान व्रत रखने वाले (उपवास रखने वाले) सहित पूरे परिवार को पूरे दिन भोजन में प्याज और लहसुन (तापसी भोजन) आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। छठ पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, बिना हाथ धोए किसी भी चीज को हाथ न लगाएं। छठ मैया का व्रत रखने वाली महिलाओं को पूरे चार दिन तक चारपाई या चारपाई पर सोना नहीं भूलना चाहिए।

व्रत के दौरान जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए। इस व्रत का महत्व सूर्यदेव को जल देना है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इसलिए चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें। छठ प्रसाद बनाते समय भक्त को स्वयं कुछ भी नहीं खाना चाहिए। प्रसाद हमेशा ऐसी जगह बनाना चाहिए, जहां रोज खाना नहीं बनता हो।

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