छत्तीसगढ़ में इस वजह बदला मौसम का मिजाज, बाजार में गर्म कपड़ों की बढ़ी मांग
अंबिकापुर। नवंबर के महीने में सरगुजा जिले का मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बीते 2 दिनों से घने बादल छाए हुए हैं। वहीं शनिवार की सुबह करीब 8.30 बजे तक 4.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड पडऩे वाली है।
हालांकि मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आने वाले 24 घण्टे में परिस्थितियां बदल सकती है। घने बादल छट जाएंगे लेकिन रुक-रुक कर वर्षा होती रहेगी।
मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि तीन दिनों पहले तमिलनाडु के समुद्र तट क्षेत्र में एक लो प्रेशर एरिया बना था जो तमिलनाडु आंध्र, प्रदेश के बीच से प्रवेश किया जिसके प्रभाव से उत्तर ओडिशा में एक द्रोणिका सक्रिय हो गई है।
इस वजह से उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदल गया है और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इसके अलावा बादल छटते ही हवा की दिशा बदल जाएगी और हवा उत्तरी दिशा से चलनी शुरू हो जाए। इस वजह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी और कड़ाके की ठंड एक बार फिर पडऩे लगेगी।
मौसम विभाग वैज्ञानिक एएम भट्ट का कहना है दिसंबर और जनवरी की शुरुआत में विगत 3 वर्षों की तुलना में इस वर्ष कड़ाके की ठंड पडऩे वाली है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि इस वर्ष पिछले दो से तीन वर्षों का रिकॉर्ड ठंड के इस मौसम में टूट सकता है।
बाजार में गर्म कपड़ों की बढ़ी मांग-
पिछले दो दिनों से मौसम खराब रहने व रूक-रूक कर हो रही रिमझिम बारिश से ठंड बढऩी शुरू हो गई है। आसमान से बादल छंटते ही तापमान में और गिरावट आ सकती है और ठंड बढ़ सकती है। इसे देखते ही गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। शनिवार को पूरे दिन लोग गर्म कपड़े में नजर आए। वहीं दुकानों में भी गर्म कपड़े खरीदते नजर आए।
इधर बेमौसम बारिश से कृषि कार्य प्रभावित-
सरगुजा जिले में धान की कटाई, मिसाई के साथ-साथ रबी फसल की बुआई जोरों पर चल रही है। मौसम खराब होने व बारिश होने से धान की कटाई और मिसाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं किसानों के खेतों में लगी धान की फसल भी बारिश से बर्बाद हो रही है।
वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना कि नवंबर महीने में बारिश होने से पके हुए फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जबकि जिन किसानों ने रबी की फसल की बुआई कर ली है उन्हें इस बारिश से फायदा होगा। वहीं तिलहन, दलहन की फसल में बारिश के कारण फल व फूल में कीड़े लग सकते हैं।